'आप गांधी को नहीं रोक सकते', शिवसेना UBT ने की Rahul Gandhi के भाषण की जमकर तारीफ; मोदी-शाह पर कह दी ये बात
शिवसेना (यूबीटी) का मानना है कि संसद में राहुल गांधी ने शानदार भाषण दिया और मोदी सरकार से वाजिब सवाल पूछे। शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र सामना में राहुल गांधी के भाषण की तारीफ की गई है । सामना में लिखा गया पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृह मंत्री अमित शाह और उनकी भाजपा को कभी ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा।
आईएएनएस, मुंबई। संसद के विशेष सत्र में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने जमकर मोदी सरकार पर निशाना साधा। लोकसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखी टिप्पणी की।
उनके भाषण के कुछ अंश कार्यवाही से हटाए भी गए। भाषण के अंश हटाए जाने पर कांग्रेस सांसद ने दो टूक कहा कि मुझे जो कहना था, वो मैंने कह दिया। वही सच्चाई है। वहीं, भाजपा का कहना है कि राहुल गांधी का भाषण अमर्यादित था।
मोदी-शाह को ऐसी स्थिति का कभी सामना नहीं करना पड़ा: सामना
वहीं, आई.एन.डी.आई. गठबंधन के नेताओं का मानना है कि संसद में राहुल गांधी ने शानदार भाषण दिया और मोदी सरकार से वाजिब सवाल पूछे। शिवसेना (यूबीटी) ने भी राहुल गांधी के भाषण की तारीफ की है।
शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र सामना में लिखा गया, "पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उनकी भाजपा को कभी ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा। राहुल गांधी ने मोदी सरकार को घेरा है।"
राहुल गांधी ने सरकार को दिखाया आईना: शिवसेना (यूबीटी)
सामना में मोदी सरकार के खिलाफ तीखी टिप्पणी की गई। लेख में लिखा गया, "अब तक मोदी-शाह ने अपने प्रचंड बहुमत के बल पर संसद को अपने पैरों तले रखने का प्रयास किया, लेकिन राहुल गांधी के नेतृत्व में एक मजबूत विपक्ष संसद में उभरा है और उन बेलगाम लोगों पर लगाम लगी है। वे 10 साल तक हिंदुत्व का इस्तेमाल करते रहे और धर्म के नाम पर चुनाव लड़ते रहे, लेकिन अब उन्हें आईना दिखा दिया गया है।"
लेख में आगे लिखा गया कि लोकसभा में राहुल गांधी के नेता विपक्ष बनने से विपक्ष को मजबूती मिली है। राहुल गांधी के भाषण के बाद मोदी-शाह के पास स्पीकर से सुरक्षा मांगने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा। उम्मीद है कि यह संदेश ईडी-सीबीआई आदि तक पहुंच गया होगा।"सामना में आगे लिखा गया,"अकेले राहुल गांधी भाजपा के नेता, नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, किरेन रिजिजू, रविशंकर प्रसाद, भूपेंद्र यादव और सत्तारूढ़ पक्ष के अन्य लोगों का सामना करने में समर्थ रहे।"