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'2024 में मोदी जी को झोला टांगकर जाना ही पड़ेगा...', सामना में बताया 450 सीटों पर विपक्ष की जीत का प्लान

बिहार की राजधानी पटना में हो रही विपक्षी दलों की बैठक से पहले सामना में एक लेख छपा है। इस लेख में विपक्ष की 450 लोकसभा सीटों पर जीत का प्लान बताया गया है। साथ ही पीएम मोदी पर तंज भी कसा है। सामना में लिखा है कि 2024 में पीएम मोदी को कंधे पर झोला टांगकर जाना ही पड़ेगा।

By Manish NegiEdited By: Manish NegiUpdated: Fri, 23 Jun 2023 11:10 AM (IST)
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सामना में बताया 450 सीटों पर विपक्ष की जीत का प्लान
मुंबई, एजेंसी। पटना में विपक्षा दलों की बैठक हो रही है। अगले आम चुनाव में एनडीए के विजयी रथ को कैसे रोका जाए, बैठक में इसको लेकर मंथन होगा। विपक्षी दलों की बैठक में कांग्रेस, राजद, जदयू, एनसीपी, टीएमसी, शिवसेना (यूबीटी) समेत कई दल शामिल हो रहे हैं। बैठक से पहले शिवसेना (यूबीटी) का बयान सामने आया है।

मतदाताओं में पैदा करना होगा विश्वास

शिवसेना (यूबीटी) ने अपने मुखपत्र 'सामना' में छपे एक संपादकीय में कहा कि अगर 2024 के बाद लोकतंत्र को जीवित रखना है, तो राजनीतिक दलों को मतदाताओं के बीच विश्वास पैदा करने के लिए राष्ट्रीय हित में बड़ा दिल दिखाना होगा। सभी दल एक साथ आएंगे तो मतदाताओं में विश्वास पैदा होगा।

AAP और BRS को नसीहत

सामना में आगे लिखा है कि आम आदमी पार्टी (AAP) और के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाएं हैं, लेकिन इससे अप्रत्यक्ष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तानाशाही को समर्थन मिलेगा। इन दोनों पार्टियों का अलग-अलग राज्यों में कांग्रेस और बीजेपी से सीधा मुकाबला है।

लोकतंत्र, स्वतंत्रता संकट में है। अपने सियासी विरोधियों को सांस भी नहीं लेने देना है। तमाम सरकारी संस्थाओं का दुरुपयोग करके विरोधियों को खत्म कर देना है, ऐसा मोदी और उनकी पार्टी का दृढ़ मत है, इसलिए हमारे देश की अवस्था दिन-प्रतिदिन चिंताजनक होती दिखाई दे रही है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और उनके लोगों को वह वैसी नहीं लगती।

...तो 2024 में आखिरी चुनाव होगा

उद्धव गुट ने कहा कि विरोधियों का जो दमन और प्रताड़ना चल रही है, उसके लिए पीएम मोदी ने केंद्रीय एजेंसियों को खुली छूट दी है। ऐसा उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कह दिया है, लेकिन एजेंसियों की कार्रवाई से उनकी पार्टी में प्रवेश करके शुद्ध होने वाले भ्रष्टाचारियों, गुनहगारों को अभय मिल रहा है, यही तानाशाही के कदम हैं। यह ऐसे ही जारी रहा तो 2024 का लोकसभा चुनाव देश का आखिरी चुनाव साबित होगा और इसी दौर में इस देश में लोकतंत्र था, इस पर भावी पीढ़ी सिर्फ शोध करती रहेगी।

सामना में बताया जीत का प्लान

सामना में कहा गया कि कम-से-कम 450 सीटों पर एक के खिलाफ एक संघर्ष हो सकेगा और इस लड़ाई में भाजपा की पराजय होगी। मोदी कितना भी नाटकीय प्रयोग कर लें फिर भी उनकी दयनीय पराजय हो सकती है। यह देश के कई राज्यों ने दिखा दिया है।

झोला टांगकर जाना पड़ेगा

सामना में पीएम पर तंज भी कसा गया। इसमें लिखा है कि कानून, संविधान, न्यायपालिका की परवाह किए बगैर सत्ता हासिल करनेवालों का राज खत्म करने को लेकर पटना की बैठक में थोड़ा चिंतन-मंथन हुआ। मुठ्ठी तानी तो 2024 में मोदी को ‘झोला’ कंधे पर टांग कर जाना ही पड़ेगा।