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टीपू सुल्तान को लेकर कर्नाटक की सियासत गरमाई, सिद्धारमैया ने कहा- क्यों नहीं लगाई जा सकती प्रतिमा?

कांग्रेस विधायक तनवीर सैत ने टीपू सुल्तान की 100 फीट की मूर्ति स्थापित करने की बात कही थी। इसे लेकर सवाल किया गया तो सिद्धारमैया ने कहा कि टीपू सुल्तान की मूर्ति क्यों नहीं लगाई जा सकती? उन्हें बनाने दीजिए क्या वह इसके लायक नहीं हैं?

By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Sun, 13 Nov 2022 11:41 AM (IST)
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टीपू सुल्तान के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते पूर्व सीएम सिद्धारमैया (फाइल फोटो)
बेंगलुरु, आनलाइन डेस्क। कर्नाटक में कांग्रेस की ओर से टीपू सुल्तान की 100 फीट की मूर्ति स्थापित करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने भी इसका समर्थन किया है। कांग्रेस विधायक तनवीर सैत ने टीपू सुल्तान की 100 फीट की मूर्ति स्थापित करने की बात कही थी। इसे लेकर सवाल किया गया तो सिद्धारमैया ने कहा कि टीपू सुल्तान की मूर्ति क्यों नहीं लगाई जा सकती? उन्हें बनाने दीजिए, क्या वह इसके लायक नहीं हैं?'

कांग्रेस नेता ने भाजपा पर इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया। सिद्धारमैया ने कहा कि भाजपा ने नारायण गुरु, आंबेडकर और अन्य के बारे में क्या कहा? वे झूठी बातें कहते हैं। मालूम हो कि कांग्रेस की ओर से टीपू सुल्तान की प्रतिमा स्थापित करने की योजना को लेकर उस समय बयान दिया, जब बीते शुक्रवार को पीएम मोदी ने राजधानी बेंगलुरु में नादप्रभु केंपेगौड़ा की 108 फीट की प्रतिमा का अनावरण किया था।

टीपू सुल्तान की प्रतिमा क्यों स्थापित करना चाहते हैं कांग्रेस नेता

कांग्रेस नेता तनवीर सैत ने कहा कि टीपू सुल्तान की प्रतिमा स्थापित करने को लेकर जल्द ही समुदाय के नेताओं से बातचीत की जाएगी, जिसके बाद कोई फैसला होगा। उन्होंने कहा कि वे अकेले नहीं हैं, जो ऐसा चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिमा स्थापित करने का उद्देश्य युवाओं को टीपू सुल्तान के शासन की वास्तविकता और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान के बारे में बताना है।

टीपू सुल्तान को लेकर कर्नाटक की सियासत गरमाई

कर्नाटक में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले ही टीपू सुल्तान को लेकर राज्य की राजनीति गरमा गई है। असदुद्दीन ओवैसी की ओर से कर्नाटक के हुबली में ईदगाह मैदान में टीपू जयंती मनाने के बाद भाजपा ने तीखा हमला बोला। बीजेपी की ओर से कहा गया कि टीपू सुल्तान कोई स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे कि उनकी जयंती मनाई जाए। ओवैसी से और कुछ भी उम्मीद नहीं की जा सकती है, जिनके राजनीतिक पूर्वज ही रजाकार थे। जिन्होंने हैदराबाद में हिन्दुओं का नरसंहार किया था।