Telangana News: TRS विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में SIT ने भाजपा नेता बीएल संतोष को किया तलब, भेजा समन
तेलंगान में टीआरएस विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले को लेकर एसआईटी ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष को तलब किया है। जांच समिति (SIT) ने भाजपा नेता बीएल संतोष को सीआरपीसी की धारा 41 (ए) के तहत नोटिस भेजा है।
By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Sat, 19 Nov 2022 08:08 AM (IST)
हैदराबाद, एजेंसी। विधायकों की खरीद फरोख्त मामले में एक बड़े घटनाक्रम में तेलंगाना पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने भाजपा महासचिव बी. एल. संतोष को तलब किया है। एसआईटी ने भाजपा नेता को आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए के तहत नोटिस देकर उन्हें 21 नवंबर को पेश होने को कहा है।
संतोष को हैदराबाद के पुलिस कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में सुबह 10.30 बजे आने का निर्देश दिया गया है। एसआईटी ने नोटिस में कहा है कि अगर वह पेश नहीं हुए तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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संतोष का नाम पिछले महीने पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए तीन कथित बीजेपी एजेंटों के बीच हुई बातचीत में सामने आया था, जो टीआरएस के चार विधायकों को मोटी रकम का लालच देकर बीजेपी के पाले में लाने की कोशिश कर रहे थे। एसआईटी पहले ही केरल के डॉक्टर जग्गू स्वामी, बीडीजेएस अध्यक्ष तुषार वेल्लापल्ली और एक वकील और तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष बंदी संजय कुमार के रिश्तेदार को पूछताछ के लिए नोटिस दे चुकी है।
साइबराबाद पुलिस ने 26 अक्टूबर को तीन लोगों को किया था गिरफ्तार
रामचंद्र भारती उर्फ सतीश शर्मा, सिम्हाजी और नंदकुमार को साइबराबाद पुलिस ने 26 अक्टूबर की रात को हैदराबाद के पास मोइनाबाद के एक फार्महाउस से गिरफ्तार किया था, जब वे कथित रूप से टीआरएस के चार विधायकों को मोटी रकम का लालच देने की कोशिश कर रहे थे। साइबराबाद पुलिस ने एक विधायक पायलट रोहित रेड्डी की गुप्त सूचना पर छापा मारा। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपियों ने उन्हें 100 करोड़ रुपये और तीन अन्य को 50-50 करोड़ रुपये की पेशकश की।एकल न्यायाधीश मामले की जांच की करेगा निगरानी
आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। तेलंगाना उच्च न्यायालय ने मंगलवार को विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले को सीबीआई को सौंपने की भाजपा की याचिका को खारिज कर दिया, लेकिन मामले की जांच कर रही एसआईटी को स्वतंत्र बना दिया। अदालत ने यह भी फैसला सुनाया कि एक एकल न्यायाधीश मामले की जांच की निगरानी करेगा। इसने एसआईटी को जांच की प्रगति पर 29 नवंबर को अदालत में एक रिपोर्ट पेश करने को कहा।
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