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Sitaram Yechury Passes Away: सीपीएम के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी का 72 वर्ष की आयु में निधन

Sitaram Yechury Passes Away वरिष्ठ माकपा नेता सीताराम येचुरी का 72 वर्ष की आयु में आज निधन हो गया। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में वो भर्ती थे। लंबे समय से उन्हें श्वसन सहायता पर रखा गया था। पार्टी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सीताराम येचुरी ने हाल ही में मोतियाबिंद की सर्जरी करवाई थी।

By Agency Edited By: Piyush Kumar Updated: Thu, 12 Sep 2024 04:37 PM (IST)
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Sitaram Yechury Passes Away: वरिष्ठ माकपा नेता सीताराम येचुरी का 72 वर्ष की आयु में आज निधन हो गया।

पीटीआई, नई दिल्ली।  वरिष्ठ माकपा नेता सीताराम येचुरी (Sitaram Yechury Passes Away) का 72 वर्ष की आयु में आज निधन हो गया। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में वो भर्ती थे। लंबे समय से उन्हें  ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। डॉक्टरों की एक मल्टीडिसिप्लिनरी टीम उनकी हालत पर नजर रख रही थी।

निमोनिया का चल रहा था इलाज

पार्टी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सीताराम येचुरी ने हाल ही में मोतियाबिंद की सर्जरी करवाई थी। साल 1975 में बतौर छात्र नेता उन्होंने इमरजेंसी का विरोध किया था। इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।

सूत्रों के मुताबिक,उनका निधन दोपहर 3.05 बजे हुआ। येचुरी को निमोनिया जैसे सीने में संक्रमण के इलाज के लिए 19 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

राहुल गांधी ने जताया दुख

सीताराम येचुरी के निधन पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दुख प्रकट किया है। राहुल गांधी ने X पर पोस्ट किया कि सीताराम येचुरी जी मेरे मित्र थे। भारत के विचार के रक्षक और हमारे देश की गहरी समझ रखने वाले थे। मुझे हमारी लंबी चर्चाएं याद आएंगी। दुख की इस घड़ी में उनके परिवार, मित्रों और अनुयायियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।

सीएम ममता ने भी जताया दुख

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने येचुरी के निधन पर दुख प्रकट करते हुए कहा, जानकर दुख हुआ कि सीताराम येचुरी का निधन हो गया है। वे एक अनुभवी सांसद थे और उनका निधन राष्ट्रीय राजनीति के लिए एक क्षति है। मैं उनके परिवार, मित्रों और सहकर्मियों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं।"

सीताराम येचुरी की जिंदगी पर एक नजर

सीताराम येचुरी का जन्म 12 अगस्त 1952 को मद्रास (चेन्नई) में हुआ था। उनके पिता सर्वेश्वर सोमयाजुला येचुरी आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में इंजीनियर थे। वहीं, उनकी मां कल्पकम येचुरी एक सरकारी अधिकारी थीं। उन्होंने दसवीं कक्षा तक हैदराबाद में पढ़ाई की। इसके बाद उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए दिल्ली आए।

उन्होंने प्रेसिडेंट्स एस्टेट स्कूल, नई दिल्ली में दाखिला लिया। इसके बाद उन्होंने सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली से अर्थशास्त्र में बीए (ऑनर्स) की पढ़ाई की और फिर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से म.ए अर्थशास्त्र किया। छात्र नेता के तौर पर उन्होंने इमरजेंसी का जमकर विरोध किया था।

यहीं से सीताराम येचुरी की राजनीतिक पारी की शुरुआत हो गई। येचुरी 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) में शामिल हो गए। इसके एक साल बाद उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का दामन थाम लिया था।

साल 1978 में येचुरी को एसएफआई के अखिल भारतीय संयुक्त सचिव के रूप में चुना गया और वे एसएफआई के अखिल भारतीय अध्यक्ष बने। साल 2005 में येचुरी को पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के लिए भेजा गया।

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