Contractor Santosh Patil death case: ठेकेदार संतोष पाटिल मौत मामले में दोषी होने पर ही इस्तीफा देंगे ईश्वरप्पा- BJP
ठेकेदार संतोष पाटिल की मौत के मामले पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने बताया है कि आज शाम राज्य मंत्री के एस ईश्वरप्पा अपना इस्तीफा सौंप देंगे। विपक्ष को जांच अधिकारी या मामले में जज की भूमिका निभाने की जरूरत नहीं है।
By Monika MinalEdited By: Updated: Fri, 15 Apr 2022 04:10 PM (IST)
बेंगलुरु, एएनआइ। कर्नाटक में ठेकेदार संतोष पाटिल की मौत के मामले पर विपक्ष का हंगामा जारी है। इस क्रम में शुक्रवार शाम को राज्य मंत्री के एस ईश्वरप्पा अपना इस्तीफा सौंप देंगे। एक ओर जहां विपक्ष मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहा है वहीं भारतीय जनता पार्टी के जनरल सेक्रेटरी दुष्यंत गौतम ने कहा है कि इश्वरप्पा तभी इस्तीफा देंगे जब वे मामले में दोषी साबित होते हैं। गौतम ने कहा, 'कानून सबके लिए एक है, इसके अनुसार दोषी को नहीं रिहा किया जाएगा। उसे माफी नहीं मिलेगी।'
इससे पहले आज सुबह ही मंत्री के इस्तीफा देने की पुष्टि मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने कर दी थी। मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा, 'राज्य मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा ने खुद ही इस्तीफा देने का फैसला लिया है और वो आज शाम इस्तीफा दे देंगे। मामले में विपक्ष को जांच अधिकारी या जज बने की जरूरत नहीं है क्योंकि जांच के बाद सब सामने आ जाएगा।' कर्नाटक के ग्रामीण विकास एवं पंचायतराज मंत्री केएस ईश्वरप्पा पर संतोष पाटिल ने ठेके के लिए 40 फीसद कमीशन मांगने का आरोप लगाया था। बेलगावी जिला निवासी ठेकेदार पाटिल उडुपी के एक लाज में मृत पाया गया। जिसके बाद हंगामा जारी है। पुलिस का कहना है कि पाटिल का शव प्राइवेट लाज में पाया गया।
ईश्वरप्पा पर सख्त कार्रवाई की मांग
बता दें कि ठेकेदार संतोष पाटिल की मौत के बाद से ही विपक्ष राज्य मंत्री केएस ईश्वरप्पा को बर्खास्त करने की लगातार मांग कर रहा है। इस बीच भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के सांसद बिनाय विश्वम ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को पत्र लिखकर मंत्री केएस ईश्वरप्पा को राज्य मंत्रिमंडल से हटाने और ठेकेदार संतोष पाटिल की मौत के खिलाफ केएस ईश्वरप्पा पर सख्त कार्रवाई की भी मांग की। उन्होंने लिखा कि संतोष पाटिल ने 12 अप्रैल को उडुपी के एक लाज में 'कर्नाटक के ग्रामीण विकास मंत्री केएस ईश्वरप्पा और उनके सहयोगियों द्वारा परेशान किए जाने के बाद आत्महत्या कर ली थी।
पद से हटने से ईश्वरप्पा ने किया था इंकार
इससे पहले मंत्री ईश्वरप्पा ने अपने पद से हटने से इंकार कर दिया था। उन्होंने मामले में एक व्हाट्सएप संदेश को मृत्यु नोट माने जाने पर हैरानी जताई थी। मंत्री ने ठेकेदार संतोष पाटिल की मौत के पीछे रची गई साजिश की जांच की मांग की थी। मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा था कि इस मामले में सच्चाई का पता लगाने के लिए वह खुद ईश्वरप्पा से बात करेंगे। संतोष पाटिल ने मंत्री के खिलाफ रिश्वत मांगने के आरोप लगाए थे। प्रशांत की ओर से दर्ज प्राथमिकी में, ईश्वरप्पा और उनके दो स्टाफ सदस्यों - रमेश और बसवराज को आरोपी बनाया गया है।
मृतक के भाई ने पुलिस से की थी ये शिकायत मृतक ठेकेदार के भाई प्रशांत पाटिल ने पुलिस को दी गई शिकायत में कहा था कि 2020-21 में हिंडालगा गांव के निवासियों ने राज्य की राजधानी में ईश्वरप्पा से मुलाकात की थी। लोगों ने उनसे आग्रह किया था कि वह पानी की निकासी के लिए नाला, सड़कों और फुटपाथ का निर्माण कराएं। ईश्वरप्पा ने बजट की चिंता किए बगैर इस काम की अनुमति दे दी और ठेकेदार संतोष पाटिल को इस काम का ठेका दिया गया था। उनके भाई संतोष पाटिल ने परियोजना में चार करोड़ रुपये का निवेश किया था और उसका बिल अब तक पेंडिंग है। उन्होंने कहा कि संतोष कई बार मंत्री ईश्वरप्पा से मिले थे और उनसे बिल को मंजूरी देकर धनराशि जारी करने का अनुरोध किया था लेकिन ईश्वरप्पा के सहयोगी उनसे 40 फीसद कमीशन की मांग कर रहे थे।