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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की आने वाली किताब पर बेटे अभिजीत और बेटी शर्मिष्ठा में ठनी, जानें-किसने क्या कहा

प्रणब मुखर्जी की किताब ‘द प्रेसिडेंशियल इयर्स’ पर बेटे अभिजीत मुखर्जी और बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी आमने-सामने आ गए हैं। अभिजीत ने जहां पुस्तक को रिलीज नहीं करने के लिए कहा है वहीं शर्मिष्ठा ने प्रकाशन में कोई बाधा नहीं डालने की अपील की है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Tue, 15 Dec 2020 07:39 PM (IST)
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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी बेटे अभिजीत मुखर्जी व बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली, जेएनएन। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की जनवरी में प्रकाशित होने वाली किताब ‘द प्रेसिडेंशियल इयर्स’ पर बेटे अभिजीत मुखर्जी और बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी आमने-सामने आ गए हैं। अभिजीत ने जहां चिंता जाहिर करते हुए प्रकाशक से पुस्तक को रिलीज नहीं करने के लिए कहा है, वहीं शर्मिष्ठा ने अभिजीत से पुस्तक के प्रकाशन में कोई बाधा नहीं डालने की अपील की है। शर्मिष्ठा ने कहा है कि पुस्तक के प्रकाशन की राह में अगर कोई बाधा बनता है तो यह पूर्व राष्ट्रपति के प्रति बड़ी डिस-सर्विस होगी, यानी उनके किए गए कार्यों पर पानी फेरने जैसा होगा। 

गौरतलब है कि अभिजीत मुखर्जी ने सोमवार से ही एक के बाद एक ट्वीट कर पुस्तक की रिलीज रोकने की मांग की है। मीडिया में आए पुस्तक के कुछ अंश को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए अभिजीत मुखर्जी ने कहा है कि मेरे पिता आज जीवित नहीं है, इसलिए उनका बेटा होने के नाते में पुस्तक के प्रकाशित होने से पहले इसकी सामग्री देखना चाहता हूं। मेरे पिता आज जीवित होते तो उन्होंने भी ऐसा ही किया होता। मुखर्जी ने प्रकाशक को टैग करते हुए आगे लिखा है कि उनका (प्रणब मुखर्जी) का बेटा होने के नाते अनुरोध करता हूं कि मेरी लिखित सहमति के बगैर इसका प्रकाशन तुरंत रोक दें।

प्रकाशन में न डालें कोई बाधा- शर्मिष्ठा

शर्मिष्ठा ने ट्वीट कर भाई अभिजीत से अनुरोध किया है कि पिता की लिखी अंतिम पुस्तक के प्रकाशन में कोई अनावश्यक बाधा उत्पन्न न करें। उन्होंने कहा है कि बीमार होने से पहले पिता ने पांडुलिपि को पूरा किया था।फाइनल ड्राफ्ट में उनके (प्रणब मुखर्जी) हाथ से लिखे नोट्स और टिप्पणियां हैं।

शर्मिष्ठा ने कहा है कि उनकी ओर से व्यक्त किए गए विचार उनके खुद के हैं। किसी को भी इसे सस्ते प्रचार के लिए प्रकाशित होने से रोकने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि पुस्तक का नाम 'द प्रेसिडेंशियल मेमोयर्स' (The Presidential Memoirs) नहीं, 'द प्रेसिडेंशियल इयर्स' है।

जानें- क्या है किताब में

बता दें  कि प्रणब मुखर्जी की ये किताब अगले साल जनवरी में आने वाली है और प्रकाशन से पहले ही किताब को लेकर काफी विवाद पैदा हो चुका है। असल में इस किताब के मुताबिक, प्रणब मुखर्जी ने खुद लिखा है कि उनके राष्ट्रपति बनने के बाद कांग्रेस ने दिशा खो दी थी और सोनिया गांधी पार्टी के मामले संभाल नहीं पा रही थीं।

किताब के मुताबिक, प्रणब मुखर्जी ने ये भी लिखा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का अपने कार्यकाल में ज़्यादा वक्त यूपीए गठबंधन को बचाने में ही बीता, जिसका बुरा प्रभाव सरकार के कामकाज पर पड़ा। जाहिर है कि ऐसे में प्रणब मुखर्जी की ये किताब कांग्रेस की समस्याएं और बढ़ा सकती हैं। बता दें कि  मुखर्जी अपने निधन से पहले संस्मरण 'द प्रेसिडेंशियल ईयर्स' को लिख चुके थे। रूपा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक जनवरी, 2021 से पाठकों के लिए उपलब्ध होने वाली थी। मुखर्जी को हुई स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के कारण गत 31 जुलाई को 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।