सुमित्रा महाजन ने कहा- करकरे शहीद हैं, लेकिन एटीएस की भूमिका पर खड़े होते हैं कई सवाल
साध्वी प्रज्ञा द्वारा शहीद हेमंत करकरे पर दिए गए विवादास्पद बयान से मराठी समाज नाराज है जिसे साधने के लिए संगठन ने ताई को भोपाल बुलाया था।
By Bhupendra SinghEdited By: Updated: Wed, 01 May 2019 07:22 AM (IST)
भोपाल, राज्य ब्यूरो। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा शहीद हेमंत करकरे पर दिए बयान पर विवाद बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को साध्वी प्रज्ञा से मिलने गई सुमित्रा महाजन से जब मीडिया ने एक मराठी चैनल को दिए गए इंटरव्यू का उल्लेख किया तो उन्होंने कहा कि करकरे शहीद होने पर कोई सवाल नहीं है, लेकिन एटीएस की भूमिका पर सवाल उठते हैं।
उन्होंने कहा कि आपको जिस तरह का इंटरव्यू चाहिए, वह मैं यहां नहीं दे सकती। वह एक घंटे का था और सिर्फ दिलीप पाटीदार की बात नहीं थी, इंदौर के पांच-छह लोगों की बात थी। इसलिए मैंने जो हुआ उसका जवाब मांगा था। मैंने किसी को न दोषी ठहराया, न आरोप लगाया। हमारे इंदौर के लोग थे, इसलिए मैंने प्रश्न किया।मराठी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में सुमित्रा महाजन से जब पूछा गया था कि हेमंत करकरे के बारे में साध्वी प्रज्ञा द्वारा दिए गए बयान से क्या आप सहमत हैं? इस पर उन्होंने कहा- नहीं। वे आंतकियों से लड़ते हुए मारे गए, इसलिए शहीद हैं। उन्हें शहीद मानने को लेकर कोई संशय नहीं है, लेकिन साध्वी के बयान के दो हिस्से हैं। इसमें एटीएस की टीम जांच के नाम पर इंदौर से चार-पांच लोगों को पकड़कर ले गई थी, इनमें मंडलावदा का एक कार्यकर्ता, महू का शर्मा, रामजी कलसांगरा और इंदौर के दिलीप पाटीदार थे।
एटीएस कहती रही कि दिलीप पाटीदार को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया, लेकिन आज तक उसका पता नहीं चला। अगर एटीएस ने इंदौर से उठाया था तो उन्हें यहीं पर छोड़ना चाहिए था। उसे थाने के बाहर छोड़ दिया तो वो गया कहां इस पर एटीएस की भूमिका पर सवाल खड़े होते हैं। लोकसभा में भी यह विषय उठाया था। इंदौर में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका भी लगाई गई थी। इन्हें करकरे ने उठाया या किसी और ने, यह विषय नहीं है, लेकिन दिलीप पाटीदार गायब है। उसकी मां तो ये सवाल पूछेगी न कि मेरा बेटा कहां गया, इसका जवाब किसके पास है।'ताई' की साध्वी से मुलाकात
सुमित्रा महाजन 'ताई' ने मंगलवार को भोपाल में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से मुलाकात की। मीडिया के सामने उन्होंने साध्वी के सिर पर हाथ फेरते हुए शुभकामनाएं दीं। दोनों के बीच आधा घंटे एकांत में चर्चा हुई। पार्टी सूत्रों की मानें तो साध्वी प्रज्ञा द्वारा शहीद हेमंत करकरे पर दिए गए विवादास्पद बयान से मराठी समाज नाराज है, जिसे साधने के लिए संगठन ने ताई को भोपाल बुलाया था।