सुप्रीम कोर्ट ने माना- EVM और VVPAT से छेड़छाड़ संभव नहीं, भाजपा बोली- चुनाव आयोग को बदनाम करने की विपक्ष की साजिश बेनकाब
चुनाव आयोग ने 2017 में तीन जून से 26 जून के बीच विपक्षी दलों को ईवीएम हैक करने की चुनौती दी वे अपने आरोपों का सिद्ध नहीं कर पाए। ईवीएम और वीवीपैट के आंकड़ों में अंतर का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि 2019 में 20687 मतदान केंद्रों पर वीवीपैट का मिलान किया गया था। जिनमें 0.0004 फीसद की गड़बड़ी मिली थी जो चुनाव परिणाम को प्रभावित नहीं कर सकता।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भाजपा ने कहा है कि ईवीएम को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने विपक्षी दलों और खासकर कांग्रेस के झूठ और दोहरे चरित्र का पर्दाफाश करार दिया है। कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने विपक्षी दलों पर चुनाव आयोग और अन्य संवैधानिक संस्थाओं पर झूठे आरोप लगाकर बदनाम करने का आरोप लगाया।
ईवीएम व वीवीपैट से छेड़छाड़ संभव नहीं
सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अदालत ने स्वीकार कर लिया है कि ईवीएम व वीवीपैट पूर्णतया विश्वसनीय व पारदर्शी है और उनसे छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। अर्जुन मेघवाल ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि अब तक इससे लोकसभा के पांच और विधानसभा के 132 चुनाव हो चुके हैं। जब विपक्षी दल चुनाव जीत जाते हैं तो ईवीएम सही होता है और जैसे ही चुनाव हारते हैं, ईवीएम पर सवाल उठाने लगते हैं।
संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने की साजिश
उन्होंने कहा कि ईवीएम के माध्यम से हुए पिछले कुछ सालों में हुए चुनाव में कांग्रेस कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना और तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में जीती है। उन्होंने संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने की विपक्षी दलों की फितरत बताया। कानून मंत्री ने कहा कि ईवीएम पर विपक्ष के आशंकाओं को दूर करने के पहले भी प्रयास हो चुके हैं।ईवीएम हैक चुनौती पर कोई खरा नहीं उतरा
खुद चुनाव आयोग ने 2017 में तीन जून से 26 जून के बीच विपक्षी दलों को ईवीएम हैक करने की चुनौती दी, वे अपने आरोपों का सिद्ध नहीं कर पाए। ईवीएम और वीवीपैट के आंकड़ों में अंतर का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि 2019 में 20,687 मतदान केंद्रों पर वीवीपैट का मिलान किया गया था। जिनमें 0.0004 फीसद की गड़बड़ी मिली थी, जो चुनाव परिणाम को प्रभावित नहीं कर सकता।
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