Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Sushma Swaraj Passes Away: सिर्फ एक Tweet से मिल जाती थी सुषमा स्वराज की मदद

विदेश मंत्री के तौर पर Sushma Swaraj के कार्यकाल को स्वर्णिम युग कहा जाना चाहिए। सिर्फ एक Tweet पर सुषमा स्वराज की तरफ से मदद पहुंच जाती थी।

By Digpal SinghEdited By: Updated: Wed, 07 Aug 2019 12:38 AM (IST)
Hero Image
Sushma Swaraj Passes Away: सिर्फ एक Tweet से मिल जाती थी सुषमा स्वराज की मदद

नई दिल्ली, जेएनएन। Sushma Swaraj Passes Away: सुषमा स्वराज का नाम आते ही एक हंसमुख चेहरा सामने आता है, जो हमेशा लोगों की मदद के लिए तैयार रहता था। 67 साल की उम्र में उनके आकस्मिक निधन से देशभर में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री सहित उन्होंने कई राजनीतिक पद संभाले, लेकिन विदेश मंत्री के तौर पर उनके कार्यकाल को स्वर्णिम युग कहा जाना चाहिए। सिर्फ एक ट्वीट पर सुषमा स्वराज की तरफ से मदद पहुंच जाती थी। उन्होंने विदेश मंत्रालय की छवि बदलकर रख दी।

मोदी सरकार में सबकी चहेती मंत्री
साल 2014 में जब पहली बार नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने विदेशमंत्री के तौर पर सुषमा स्वराज को अपनी कैबिनेट में जगह दी। सुषमा स्वराज का कद कितना बड़ा है यह इस बात से भी साबित होता है कि जब नरेंद्र मोदी को पहली बार प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया तो दिल्ली पहुंचने पर उन्होंने सुषमा स्वराज के पांव छुए। हालांकि, मोदी सरकार में जो काम हुए उससे ज्यादातर लोग खुश दिखे, इसीलिए उन्हें दूसरा कार्यकाल भी मिला, लेकिन सुषमा स्वराज की बात ही कुछ और थी। उनके पास आने वाला कोई भी फरियादी खाली हाथ नहीं गया।

सिर्फ एक ट्वीट पर समस्या का समाधान
सुषमा स्वराज ने मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्रालय की छवि बदलकर रख दी। वह सबकी चहेती दीदी बन गईं। भले इराक में फंसी हुई नर्सों को सुरक्षित निकालना हो या कुवैत और दुबई में काम दिलाने के बहाने धोखा खाने वाले मजदूर हों या पाकिस्तान में फंसी उज्मा को वापस लाना हो। सुषमा ने बिना भेदभाव के सबकी मदद की। इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया। ट्विटर का उनसे बेहतर इस्तेमाल शायद ही किसी ने किया होगा। पीड़ित या उसकी तरफ से किसी ने भी एक ट्वीट करके अगर उन्हें या उनके मंत्रालय को टैग कर दिया तो समझो मदद मिलना तय हो गया।

एक ट्वीट जिंदगी के लिए
सुषमा को जिस किसी ने भी मदद की गुहार लगाते हुए एक भी ट्वीट किया, उन्होंने उसकी मदद की। इसके लिए उन्होंने किसी का धर्म भी नहीं देखा। हालांकि, उनकी पार्टी पर सांप्रदायिकता का आरोप लगता रहा है, लेकिन सुषमा स्वराज अपने अच्छे कार्यों से इन आरोपों को हमेशा धता बताती रहीं। मध्य पूर्व के देशों से कई मुस्लिम लड़कियों को छुड़ाकर वह देश लाईं, जिसके लिए उन्होंने सुषमा स्वराज का आभार भी जताया।

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप