Move to Jagran APP

दक्षिण भारत में संसदीय सीटें कम ना हों इसलिए पैदा करें 16 बच्चे, तमिलनाडु CM स्टालिन ने की परिवार बढ़ाने की अपील

दक्षिण के राज्यों में जनसंख्या बढ़ाने की मांग तेजी से उठने लगी है। आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू के बाद अब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी लोगों से जनसंख्या बढ़ाने की अपील की। इसके पीछे उन्होंने तर्क संसदीय सीटों का दिया। स्टालिन का कहना है कि अगर दक्षिण में जनसंख्या घटी तो लोकसभा सीटें भी कम हो जाएंगी।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Tue, 22 Oct 2024 01:18 AM (IST)
Hero Image
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन। ( फाइल फोटो)
पीटीआई, अमरावती। एक तरफ जहां भारत दुनिया की सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश का तमगा हासिल कर चुका है और देश में जनसंख्या नियंत्रण की आवश्यकता है, वहीं दक्षिणी राज्यों के प्रमुख ऐसा नहीं सोचते। आंध्र प्रदेश की घटती जन्मदर का मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने जनसंख्या को संतुलित करने के लिए प्रदेश की महिलाओं से कम से कम दो बच्चे पैदा करने का आह्वान किया है। जहां उनकी इस टिप्पणी का प्रदेश कांग्रेस पार्टी ने स्वागत किया है, तो विरोधी वाईएसआरसीपी ने सीएम के दृष्टिकोण पर सवाल उठाए हैं।

तो घट जाएगी जनसंख्या

नायडू के बाद अब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने संसदीय परिसीमन के चलते लोगों से परिवार को बढ़ाने की बात कही। नायडू ने कहा कि वर्ष 2047 तक हमारी जनसांख्यिकीय बेहतर होगी और ज्यादा युवा होंगे। लेकिन 2047 के बाद, बूढ़े लोग अधिक। यदि दो से कम बच्चे (प्रति महिला) पैदा होंगे, तो जनसंख्या कम हो जाएगी। अगर आप (प्रत्येक महिला) दो से अधिक बच्चों को जन्म देंगी तो जनसंख्या बढ़ जाएगी। प्रदेश की जन्मदर गिरकर 1.6 पहुंच गई है और ऐसा जारी रहा तो यह एक या इससे भी कम हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप समाज में केवल बुजुर्ग ही दिखाई देंगे।

मैं देशहित में बोल रहा हू: नायडू

नायडू ने कहा कि भविष्य में ऐसा ना हो, इसलिए ज्यादा बच्चे पैदा करने को जिम्मेदारी समझें। मैं यह आह्वान देश के व्यापक हित के लिए भी कर रहा हूं। इसे एक मिशन बनाया जाएगा। अपने पिछले जनसंख्या नियंत्रण के आह्वान को लेकर सीएम ने दावा किया कि लोगों ने बात मानते हुए 10 वर्षों में जन्मदर कम कर दी, जिससे अब जनसंख्या कम होने का खतरा है।

पहले दो से अधिक बच्चे वालों को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने से रोक दिया था, लेकिन अब उन शर्तों को हटाने और केवल दो से अधिक संतान वालों को ही चुनाव लड़ने में सक्षम बनाने के लिए कानून लाने की कसम खाई है। अब पहले से उलट बड़े परिवारों को अधिक लाभ मिलेगा।

कांग्रेस ने किया समर्थन

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष कोलानुकोंडा शिवाजी ने कहा कि परिसीमन के तहत, हमारे क्षेत्र (दक्षिण भारत) में संसद की सीटें कम होकर उत्तरी राज्यों में जुड़ जाएंगी। इसलिए समय नहीं है। जब यहां जनसंख्या बढ़ेगी, तो हमारी सीटें हमारे पास ही रहेंगी। वहीं, वाईएसआरसीपी नेता जुपुडी प्रभाकर राव ने पहले कम और अब अधिक बच्चे पैदा करने के नायडू के दृष्टिकोण पर सवाल उठाया। राव ने कहा कि उनका (नायडू) एक ही बेटा (नारा लोकेश) है और उसका भी एक ही बेटा है। वह काफी दूरदर्शी हैं।

तमिलनाडु सीएम ने 16 बच्चों की बात कही

तमिलनाडु सीएम ने एक तमिल कहावत की ओर इशारा करते हुए कहा कि लोकसभा परिसीमन की कवायद लोगों को 16 बच्चों के बारे में सोचने पर मजबूर कर सकती है। संसदीय परिसीमन लोगों को कई बच्चे पैदा करने और छोटे परिवार से मुंह मोड़ने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।

पहले बुजुर्ग नवविवाहितों को 16 प्रकार की संपत्ति प्राप्त करने का आशीर्वाद देते थे, न कि 16 बच्चों का। धीरे-धीरे लोग समृद्धि के लिए छोटे परिवार में विश्वास करने लगे। लेकिन अब ऐसी स्थिति पैदा हो गई है जहां लोग एक छोटा और समृद्ध परिवार ना चाहते हुए सोचते हैं कि उन्हें अब सचमुच 16 बच्चे पैदा करने चाहिए।

यह भी पढ़ें:  कांग्रेस ने 21 सीटों पर उम्मीदवारों का किया एलान, यहां देखें कहां-किसे चुनाव मैदान में उतारा?

यह भी पढ़ें: बंगाल में 17 दिन बाद डॉक्टरों का आमरण अनशन खत्म, CM के साथ बैठक के बाद माने; मगर जारी रहेगा आंदोलन