कांग्रेसी CM ने की ओवैसी की जमकर तारीफ, कहा- वो गरीबों की आवाज; बातों-बातों में दे दिया बड़ा ऑफर
पुस्तक विमोचन के मौके पर तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी ने असदुद्दीन ओवैसी की जमकर तारीफ की। उन्होंने ओवैसी को गरीबों आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदाय की आवाज बताया। सीएम से अपनी तारीफ सुनकर मंच पर बैठे हैदराबाद के सांसद ओवैसी मुस्कुराते रहे। सीएम रेवंत रेड्डी ने कहा कि कई बार ओवैसी ने कांग्रेस के खिलाफ भी बोले मगर अच्छा लगा।
डिजिटल डेस्क, जागरण, हैदराबाद। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने हैदराबाद से सांसद एवं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की जमकर तारीफ की। बातों-बातों में रेवंत रेड्डी ने ओवैसी को साथ मिलकर काम करने का ऑफर दे दिया।
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सीएम के मुंह से अपनी तारीफ सुनकर मंच पर बैठे ओवैसी मुस्कुराते रहे। सीएम रेवंत रेड्डी ने ओवैसी को गरीबों और शोषितों की आवाज बताया। रेवंत रेड्डी मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी की पुस्तक "पैगंबर फॉर द वर्ल्ड" के विमोचन के मौके पर बोल रहे थे।
लोकसभा में गरीबों की आवाज ओवैसी
रेवंत रेड्डी ने कहा, "मैं पिछली लोकसभा में असदुद्दीन ओवैसी के साथ एमपी था। मगर बहुत खुशी होती थी कि मेरे शहर के असदुद्दीन ओवैसी गरीबों, अनुसूजित जाति, आदिवासी और अल्पसंख्यक की आवाज हमेशा उठाते हैं। कभी-कभी असद साहब ने कांग्रेस के खिलाफ भी बोले तो मुझे अच्छा लगता था कि मेरा ही भाई कुछ आवाज उठा रहा है।"
मजबूत विपक्ष बहुत जरूरी
रेवंत रेड्डी ने आगे कहा, "हमारे खिलाफ बोलने वाला कोई दुश्मन नहीं होता है। हर सरकार को चलाने में कभी-कभी गलती हो सकती है। गलतियों को सुधारने के लिए मजबूत विपक्ष की जरूरत होती है। चाहे वो देश में हो या प्रदेश में हो। आज लोकसभा में जनता की बात उठाने वाले लोग बहुत कम हैं। आपस में पंचायत लगाने और जहर फैलाने वाले भाषणों की संख्या अधिक हो गई है।"
साथ मिलकर काम करने की जरूरत
सीएम ने कहा कि तेलंगाना के 17 में से गरीबों की आवाज उठाने वाले ओवैसी एकमात्र सांसद हैं। असद साहब ने हमारा साथ दिया या नहीं दिया... वह अलग बात है। चुनाव भी हमने अपने-अपने तरीके से लड़ा। मगर चुनाव खत्म होने के बाद हमें एक साथ मिलकर काम करने की जरूरत है, ताकि तेलंगाना की चार करोड़ की जनता का कल्याण और हैदराबाद शहर का विकास किया जा सके। अगर हम लोगों ने अलग-अलग बैठकर कुछ किया तो इस शहर का नाम खराब होगा। एआईएमआईएम पार्टी से पूछकर या उनकी तरफ से कोई सुझाव आने पर हम लोग आगे-पीछे नहीं करते हैं।