तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी का बड़ा बयान, कहा- जनगणना में जातीय गणना जोड़ने का केंद्र पर दबाव डालेगी कांग्रेस
9 नवंबर से तेलंगाना में जातीय सर्वे शुरू हो चुका है। रेवंत रेड्डी ने जातीय सर्वे को समाज का मेगा-हेल्थ चेकअप बताया। तेलंगाना के 33 जिलों के कुल 1.17 करोड़ परिवारों का सर्वे किया जाएगा। इस सर्वेक्षण में 80 हजार लोग लगे हैं। रेवंत रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी देश की जनगणना के साथ जातीय गणना कराने का दबाव केंद्र सरकार पर डालेगी।
पीटीआई, हैदराबाद। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस अगले साल होने वाली जनगणना में जातीय गणना को जोड़ने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव डालेगी। ताकि राजनीतिक, शैक्षणिक और रोजगार में आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को पार किया जा सके। इस बीच, कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि जातीय सर्वे कराके तेलंगाना इतिहास रच रहा है। जबकि केंद्र सरकार हर दशक में राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली जनगणना कराने में विफल रही है।
बाल दिवस पर आयोजित एक समारोह में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेड्डी ने कहा कि राज्य सरकार के जारी जातिगत सर्वे को सफल बनाना चाहिए ताकि उसके मकसद का लोगों को अहसास हो। साथ ही आरक्षण को बढ़ाया जा सके और आबादी के अनुपात में संसाधनों का प्रविधान किया जाए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग झूठी अफवाहें उठा रहे हैं कि सर्वे का ब्योरा जारी हुआ तो सरकारी सुविधाएं मिलनी बंद हो जाएंगी। लेकिन इससे केवल वांछित लाभार्थियों का फायदा होगा।
9 नवंबर से शुरू है जातीय सर्वे
जातीय सर्वे को समाज का मेगा-हेल्थ चेकअप बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा है कि लोगों से प्रासंगिक ब्योरा हासिल करने के बाद सभी को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जाए। उल्लेखनीय है कि तेलंगाना सरकार ने विगत 9 नवंबर से अपने इस कांग्रेस शासित राज्य में 'समग्र सामाजिक, आर्थिक, रोजगार, राजनीतिक और जातीय सर्वे' शुरू करने का ऐतिहासिक कदम उठाया है।