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Politics: टीआरएस ने भारत जोड़ो यात्रा पर साधा निशाना, कहा- कांग्रेस के लिए आंध्र प्रदेश में अब कुछ नहीं बचा

तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) ने कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर निशाना साधा है। TRS के सांसद विजयसाई रेड्डी वी ने कहा कि कांग्रेस का एजेंडा जोड़ो के बिल्कुल विपरीत तोड़ो है क्योंकि पार्टी ने 8 साल पहले आंध्र प्रदेश को तोड़ा था। (फाइल फोटो)

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Sat, 15 Oct 2022 03:33 PM (IST)
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टीआरएस ने भारत जोड़ो यात्रा पर साधा निशाना, कहा- कांग्रेस के लिए आंध्र प्रदेश में अब कुछ नहीं बचा।
नई दिल्ली, एएनआइ। तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) ने कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर निशाना साधा है। TRS के सांसद विजयसाई रेड्डी वी ने कहा कि कांग्रेस का एजेंडा 'जोड़ो' के बिल्कुल विपरीत 'तोड़ो' है, क्योंकि पार्टी ने 8 साल पहले आंध्र प्रदेश को तोड़ा था। मालूम हो कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा अब आंध्र प्रदेश पहुंची है।

'आंध्र प्रदेश में कांग्रेस के लिए कुछ नहीं बचा'

TRS सांसद ने ट्वीट किया, 'जैसा कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा आंध्र प्रदेश में प्रवेश कर चुकी है। लोग अब राहुल गांधी को याद दिलाएं कि कांग्रेस की जोड़ो का मतलब तोड़ो है, क्योंकि पार्टी 8 साल पहले आंध्र प्रदेश को तोड़ी थी। आंध्र प्रदेश में कांग्रेस के लिए अब कुछ नहीं है।' हालांकि रेड्डी के आरोपों पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रतिक्रिया दी है। जयराम रमेश ने कहा कि TRS प्रमुख और तेलंगाना के वर्तमान मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने खुद ही तत्कालीन कांग्रेस नीत केंद्र सरकार को पत्र लिखकर आंध्र प्रदेश को विभाजित करने की मांग की थी।

कांगेस नेता जयराम रमेश ने किया पलटवार

जयराम रमेश ने ट्वीट किया, 'आपके पार्टी प्रमुख ने पत्र लिखा था, मुझे याद है 2011 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री से आंध्र प्रदेश को विभाजित करने की मांग की थी। मैं अभी बल्लारी (कर्नाटक) में हूं और मेरे पास इसका साक्ष्य मौजूद नहीं है। यह मेरी किताब में है। क्या मैं कुछ और कहूं।' इसके बाद जयराम रमेश ने फिर एक ट्वीट किया और कहा, 'क्षमा करें, विजयसाई रेड्डी। यह पत्र दिसंबर, 2012 में YSRCP की ओर से आपके एक वरिष्ठ सहयोगी द्वारा भेजा गया था।

कैसे हुआ था आंध्र प्रदेश का विभाजन

बता दें कि वर्ष 2013 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आंध्र प्रदेश के विभाजन की जरूरतों को देखने के लिए एक समिति का गठन किया था। समिति के सदस्यों में तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम, स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद, पेट्रोलियम मंत्री और प्राकृतिक गैस मंत्री वीरप्पा मोइली, ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश और पीएमओ में राज्य मंत्री नारायणस्वामी शामिल थे। इसके बाद, 2014 में दोनों तेलुगु भाषी राज्य आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को विभाजित कर दिया। इस समय दोनों तेलुगु भाषी राज्यों में कांग्रेस की सरकार नहीं है।

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