Telangana: भूख हड़ताल पर बैठीं YSRTP प्रमुख वाईएस शर्मिला की बिगड़ी हालत, अस्पताल में कराया गया भर्ती
Telangana News पदयात्रा की अनुमति न मिलने के विरोध में वाईएसआरटीपी प्रमुख वाईएस शर्मिला शुक्रवार से भूख हड़ताल में बैठी थीं। हालत बिगड़ने के बाद उन्हें अब गिरफ्तार कर जुबली हिल्स के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Sun, 11 Dec 2022 09:33 AM (IST)
हैदराबाद, एएनआइ। पदयात्रा की अनुमति न मिलने के विरोध में भूख हड़ताल में बैठी तेलंगाना वाईएसआरटीपी प्रमुख वाईएस शर्मिला (YSRTP Chief YS Sharmila) की हालत अब बिगड़ती दिख रही है। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर शनिवार देर रात जुबली हिल्स के अपोलो अस्पताल में भर्ती करा दिया है।
भूख हड़ताल से बिगड़ी हालत
शर्मिला तेलंगाना सरकार द्वारा 'प्रजा प्रस्थानम पदयात्रा' आयोजित करने की अनुमति नहीं दिए जाने के विरोध में शुक्रवार सुबह से भूख हड़ताल पर बैठी हैं। कुछ भी न खाने के चलते उनकी हालत एकदम से बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक, शर्मिला की सेहत अब स्थिर है।
बीपी और शूगर का स्तर गिरा
बता दें कि अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों ने पहले कहा था कि शर्मिला का रक्तचाप (बीपी) और शूगर का स्तर खतरनाक स्तर तक गिर गया था और उन्होंने डिहाईड्रेशन पर चिंता व्यक्त की थी जिसके चलते गुर्दे के लिए खतरा पैदा होने तक की संभावना हो गई थी।
तेलंगाना सरकार पर लगाए कई आरोप
इससे पहले शुक्रवार को शर्मिला ने आरोप लगाया था कि अदालत की अनुमति होने के बावजूद पुलिस उन्हें 'पदयात्रा' जारी रखने की अनुमति नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि मैं यहां भूख हड़ताल पर इसलिए बैठी ताकि तेलंगाना में लोकतंत्र की रक्षा की जाए और मुझे अपनी पदयात्रा जारी रखने की अनुमति दी जाए। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि उसकी बस को जला दिया गया और उसके पैदल मार्च को रोकने के लिए अनुयायियों को पीटा गया।KCR कर रहे रोकने की कोशिश
शर्मिला ने आरोप लगाया कि केसीआर उनकी पदयात्रा को रोकने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरी बस को जला दिया गया, मेरे लोगों को पीटा गया और उन्होंने मुझ पर हिंसा की। शर्मिला ने कहा कि मुझे गिरफ्तार तक किया गया, लेकिन अदालत द्वारा यात्रा जारी रखने की इजाजत देने के बाद भी पुलिस उन्हें रोक रही है। यह भी पढ़ें- मलेरिया से पिछले साल दुनिया में 6.2 लाख लोगों की मौत, जलवायु परिवर्तन से बन रहा मच्छरों के अनुकूल माहौल