'जब PM मोदी ने मणिपुर पर बयान देने से इनकार कर दिया तो लोकतंत्र का मंदिर 'अशांत, बाधित' हो गया': कपिल सिब्बल
मणिपुर हिंसा के दौरान दो महिलाओं को नग्न घुमाए जाने के मुद्दे पर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। संसद के दोनों सदनों में मणिपुर हिंसा और दो महिलाओं को नग्न घुमाए जाने को लेकर हंगामा हो रहा है। राज्यसभा के सांसद कपिल सिब्बल ने कहा है कि संसद में हंगामा तभी थमेगा जब सरकार इस मुद्दे पर अपना बयान देगी या सभी सवालों का जवाब देगी।
By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Mon, 24 Jul 2023 12:10 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। मणिपुर हिंसा के दौरान दो महिलाओं को नग्न घुमाए जाने के मुद्दे पर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। संसद के दोनों सदनों में मणिपुर हिंसा और दो महिलाओं को नग्न घुमाए जाने को लेकर हंगामा हो रहा है। राज्यसभा के सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा है कि संसद में हंगामा तभी थमेगा, जब सरकार इस मुद्दे पर अपना बयान देगी या सभी सवालों का जवाब देगी।
पीएम मोदी सवालों का जवाब नहीं दे रहे
सिब्बल ने कहा कि पीएम मोदी मणिपुर हिंसा पर विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं दे रहे हैं। वो जब सवालों का जवाब नहीं देते हैं, तभी सदन में हंगामा होता है, तभी लोकतंत्र का मंदिर स्थगित होता है। सिब्बल का यह बयान, सदन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की टिप्पणी के बाद आया है। उपराष्ट्रपति ने कहा था कि लोकतंत्र के मंदिरों में व्यवधान और हंगामे को राजनीतिक रणनीति के रूप में हथियार नहीं बनाया जा सकता है।
एक ट्वीट में सिब्बल ने कहा, "उपराष्ट्रपति: '...अशांति और व्यवधान को हथियार बनाया जा रहा है...लोकतंत्र के मंदिरों को कलंकित करने के लिए...' एक मंदिर जहां प्रधानमंत्री मणिपुर पर बयान देने से इनकार करते हैं; सवालों के जवाब देने से इनकार करते हैं? तभी लोकतंत्र का मंदिर "अशांत और बाधित होता है!"'लोकतंत्र व्यवधान और गड़बड़ी करने के लिए नहीं हो सकता'
सरकार गृह मंत्री के जवाब के साथ मणिपुर मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा आयोजित करने पर सहमत हो गई है, लेकिन विपक्ष पहले प्रधानमंत्री के बयान की मांग पर अड़ा है। रविवार को यहां विज्ञान भवन में जामिया मिलिया इस्लामिया के शताब्दी वर्ष के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा था कि समाज की प्रगति के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण है और युवाओं से खुद को सशक्त बनाने के लिए कहा।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि, "लोकतंत्र जनता की भलाई के लिए संवाद, चर्चा, विचार-विमर्श और बहस करने के लिए है। निश्चित रूप से, लोकतंत्र व्यवधान और गड़बड़ी करने के लिए नहीं हो सकता है।" उन्होंने कहा, "मुझे आपको यह बताते हुए दुख और पीड़ा हो रही है कि लोकतंत्र के मंदिरों को कलंकित करने के लिए व्यवधान और गड़बड़ी को रणनीतिक साधन के रूप में हथियार बनाया गया है।"