मनीष तिवारी से लेकर उमर अब्दुल्ला तक... कठुआ आतंकी हमले पर विपक्ष ने केंद्र सरकार को घेरा, जानें किसने क्या कहा
Terrorist attack in Kathua जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 जुलाई को हुए आतंकी हमले को लेकर विपक्षी नेताओं ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला । कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी कांग्रेस नेता सचिन पायलट और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने आतंकी हमले की निंदा की। बता दें कि कठुआ आतंकी हमले में 5 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे।
पीटीआई, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 जुलाई को हुए आतंकी हमले पर विपक्षी नेताओं ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस नेता सचिन पायलट से लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला तक ने इस आतंकी हमले की जमकर निंदा की और जल्द से जल्द आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
क्या बोले मनीष तिवारी?
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि 'पिछले 7 महीनों में जम्मू में यह 24वां आतंकी हमला हुआ है। यह बेहद दुखद है। हमारी संवेदनाएं उन लोगों के परिवार के साथ हैं जिन्होंने अपनी जान गंवाई या घायल हुए। तिवारी ने सवाल किया कि ये आतंकी हमले क्यों हो रहे हैं? उन्होंने उम्मीद जताई है कि सरकार इस मामले में सख्त कार्रवाई करेगी और सीमा के दूसरी तरफ से पाकिस्तान द्वारा प्रोत्साहित की जा रही घुसपैठ को रोकेगी।'
सचिन पायलट ने सरकार बोला हमला
वहीं, कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी आतंकी हमले में शहीद हुए 5 सैन्यकर्मियों की निंदा की। पायलट ने इस हमले को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, 'आतंकवादी हमले लगातार बढ़ रहे हैं। संसद में सरकार दावा करती है कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य है, लेकिन अगर हमारे जवान आतंकवादी हमलों में अपनी जान गंवा रहे हैं तो सरकार को इसका स्पष्टीकरण देना होगा।'उमर अब्दुल्ला ने लगाए सरकार पर आरोप
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन पर सुरक्षा स्थिति के प्रति ढिलाई बरतने का आरोप लगाया। उन्होंने मंगलवार को कहा कि कठुआ जिले में आतंकवादी हमले में सेना के पांच जवानों की हत्या चिंताजनक है। अब्दुल्ला ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मुझे लगता है कि इस हमले की जितनी भी आलोचना की जाए कम है। एक हमले में अपनी ड्यूटी के दौरान पांच बहादुर सैनिकों को खोना एक ऐसी बात है जिससे हम सभी को चिंतित होना चाहिए।'
अब्दुल्ला ने कहा, 'मुझे लगता है कि जम्मू-कश्मीर में प्रशासन को और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है, मुझे लगता है कि वे सुरक्षा स्थिति के संबंध में ढीली प्रवृत्ति दिखा रहे हैं और उम्मीद है कि इस तरह के हमले फिर नहीं होंगे।'