Congress Prez Poll: गहलोत ने नहीं छोड़ी CM की कुर्सी! लेकिन इन नेताओं ने अध्यक्ष बनने के लिए दे दिया था रिजाइन
Congress President Election अशोक गहलोत का नाम कांग्रेस अध्यक्ष बनने की रेस में सबसे आगे था लेकिन वे राजस्थान के मुख्यमंत्री का पद नहीं छोड़ना चाहते थे। हालांकि कांग्रेस में कुछ ऐसे भी नेता रहे जिन्होंने अध्यक्ष बनने के लिए सीएम की कुर्सी का भी मोह नहीं किया था।
By Achyut KumarEdited By: Updated: Sat, 08 Oct 2022 05:07 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। Congress President Election: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को इस महीने 19 अक्टूबर को नया अध्यक्ष मिलेगा, जो गैर-गांधी परिवार से होगा। मुख्य मुकाबला शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच है। इस रेस में पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी थे, लेकिन राज्य में मचे सियासी घमासान के बाद उनका नाम रेस से बाहर हो गया। ऐसा कहा जाता है कि वे किसी भी कीमत पर सीएम की कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं थे, लेकिन क्या आपको पता है कि कांग्रेस में कुछ ऐसे भी नेता हुए, जिन्होंने पार्टी का अध्यक्ष बनने के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी को भी छोड़ दिया था।
के. कामराज
के. कामराज ने 1964 से लेकर 1967 तक कांग्रेस के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने अध्यक्ष बनने के लिए सीएम की कुर्सी भी छोड़ दी थी। यही नहीं. उन्हें दो बार देश का प्रधानमंत्री बनने का भी मौका मिला, लेकिन उन्होंने वे नहीं बने। उनका मानना था कि पार्टी का मजबूत होना बहुत जरूरी है। कामराज की वजह से ही मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री नहीं बन पाए। हालांकि बाद में वे देश के चौथे प्रधानमंत्री बनने मे कामयाब रहे, लेकिन अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।
1963 में सीएम पद से दिया इस्तीफा
कामराज मद्रास (अब तमिलनाडु) के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने राज्य में विकास के लिए बहुत सी योजनाओं को लागू किया। उन्होंने 1963 में सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और पार्टी को मजबूत करने में जुट गए। कामराज की बदौलत ही कांग्रेस को 1962 में राज्य विधानसभा चुनाव में बड़ी कामयाबी मिली थी।
यू एन ढेबर
यू एन ढेबर सौराष्ट्र के सीएम थे। उन्हें नवंबर 1954 में कांग्रेस की कमान सौंपी गई थी। उन्होंने 1955 से लेकर 1959 तक पार्टी की कमान संभाली थी। उनका पूरा नाम उच्छंगराय नवलशंकर ढेबर (Uchharangrai Navalshankar Dhebar) था। वे 1948 से लेकर 1954 तक सौराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे।
एस निंजलिगप्पा
एस निंजलिगप्पा ने 1968 से लेकर 1969 तक कांग्रेस की कमान संभाली थी। वे कर्नाटक के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने पार्टी का अध्यक्ष बनने के लिए सीएम की कुर्सी छोड़ दी थी। हालांकि बाद में निजंलिगप्पा ने अपनी आत्मकथा 'माइ लाइफ एंड पालिटिक्स' में इस फैसले पर अफसोस जताया था।गैर-गांधी परिवार से अध्यक्ष
- भोगाराजू पट्टाभि सीतारमैया
- पुरुषोत्तम दास टंडन
- यू एन ढेबर
- नीलम संजीव रेड्डी
- के कामराज
- एस निजंलिगप्पा
- जगजीवन राम
- शंकर दयाल शर्मा
- देवकांत बरुआ
- पी वी नरसिम्हाराव
- सीतराम केसरी