पूर्वांचल में धर्मांतरण का मकडज़ाल, घर वापसी के लिए हिंदू संगठनों की बढ़ी सक्रियता
पूर्वांचल के जिन क्षेत्रों में धर्मांतरण के मामले उजागर हुए वहां प्रयागराज से अधिकतर पादरी या ईसाई मिशनरी के लोगों की सक्रियता सामने आई है।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Mon, 19 Nov 2018 04:03 PM (IST)
वाराणसी [जागरण स्पेशल]। पूर्वांचल के कई जिले बीते एक दशक में देखते ही देखते ईसाई मिशनरियों की जकड़ में आ गए। लोगों को इलाज, बेहतर भविष्य और पैसे का लालच देकर हिंदू से ईसाई बनाने का धंधा काफी फलफूल रहा था। इसके लिए रविवार और गुरुवार को विशेष प्रार्थना सभाओं का संचालन होने के साथ यहां धर्मांतरण का भी क्रम जारी था। सोनभद्र जैसे आदिवासी बहुल जिले के अलावा जौनपुर और गाजीपुर जैसे जिलों में भी मिशनरियों ने ऐसी पैठ बनायी कि सैकड़ों परिवार मूल धर्म से विमुख हो गए।
जौनपुर जिले में चंगाई का धंधा दैनिक जागरण द्वारा उजागर किए जाने के बाद गांवों की झोपडिय़ों में गुपचुप प्रार्थना सभाएं शुरू हुईं मगर अभियान से जागे प्रशासन ने सख्ती कर प्रार्थना सभाओं पर लगाम कसी। कुछ इसी तरह की घटनाएं गाजीपुर जिले में भी सामने आईं और गई गांवों में गुपचुप मिशनरियों के धर्मांतरण का खेल उजागर हुआ। अब वाराणसी में भी बीते दिनों ऐसा ही मामला सामने आने के बाद प्रशासन कुंभकर्णी नींद से जागा। हालांकि जौनपुर में सख्ती के बाद मिशनरी से जुड़े लोग आस पड़ोस के जिलों में अब रुख करने लगे हैं।
गाजीपुर की प्रार्थना सभा में झड़प
धर्मांतरण के मुद्दे पर प्रशासन के अल्टीमेटम के बावजूद बीते रविवार को फौलादपुर अनुसूचित बस्ती व सादात थाना क्षेत्र के टाड़ा गांव में ईसाई मिशनरियों द्वारा ईसा प्रार्थना सभा आयोजित की गई। हिंदू युवा वाहिनी व क्षत्रिय महासभा के कार्यकर्ताओं ने पुलिस को सूचना देकर बुलाया और प्रार्थना सभा को बंद कराया। इसे लेकर ईसा प्रार्थना सभा के संचालक व पुलिस से कहासुनी हुई। संचालक त्रिभुवन प्रसाद को बगैर अनुमति के ईसा प्रार्थना होने पर सख्त कार्रवाई की हिदायत दी गई।
प्रार्थना स्थल फौलादपुर पर सैकड़ों लोग (जिसमें महिलाएं ज्यादा थी) प्रार्थना सभा में शामिल होने पहुंचे। प्रार्थना सभा आयोजित होने की सूचना मिलने पर हिंदू युवा वाहिनी के ने थानाध्यक्ष बहरियाबाद जयचंद भारती को लेकर अपनी टीम उप निरीक्षक देवीलाल चौहान, सुनील यादव, मन्नू यादव व एसआई प्रशांत चौधरी पुलिस बल के साथ पहुंच गए। प्रार्थना सभा में उपस्थित लोगों को घर लौटने तथा संचालक त्रिभुवन प्रसाद को सख्त हिदायत दी कि बगैर अनुमति के ईसा प्रार्थना का आयोजन नहीं होगा। ऐसा हुआ तो कार्रवाई की जाएगी। उसके बाद वहां से लोग वापस लौट गए। दर्जनों लोग काफी देर तक रुके भी रहे जो प्रार्थना सभा के बंद होने से आक्रोशित थे। प्रार्थना सभा के संचालक त्रिभुवन प्रसाद ने जब कहा कि यह मेरा मौलिक अधिकार है और यह मेरी आस्था का सवाल है। इस पर विवाद बढ़ गया और संचालक व पुलिस से कहासुनी भी हुई। दरअसल जौनपुर जिले में सख्त कार्रवाई के बाद पड़ोसी जिले गाजीपुर में गुपचुप धर्मांतरण की शाखाएं खुल गई हैं। इस दौरान प्रार्थना शुरू होने की शिकायत मिलने पर एसडीएम जखनियां के निर्देश पर लेखपाल फौलादपुर ईसा प्रार्थना स्थल पर पहुंचे। वीडियोग्राफी कर संचालक से बात कर मौका मुआयना कर नई परंपरा शुरू न करने की हिदायत दी।
गाजीपुर जिले में धर्मांतरण के चर्चित इलाके खानपुर, जलदीपुर, नेवादा, बहरियाबाद, मरदह, जमानिया आदि इलाकों में धर्मांतरण जारी है। जिले में मुकदमा तो दर्ज नहीं किया गया मगर हिंदू संगठनों की सक्रियता से 89 परिवारों ने सप्ताह भर में घर वापसी की है।
जौनपुर जिला भी रहा चर्चा मेंबीते दिनों जौनपुर जिले की कई बस्तियों में नियमित प्रार्थना सभाओं की जानकारी सामने आने के बाद कई बार हिंदू संगठनों संग झड़प की घटनाएं हुईं। जागरण की ओर से अभियान चलाकर ऐसे मामलों को उजागर किया गया और धर्मांतरण कर चुके लोगों की घर वापसी कराई गई। शासन स्तर पर मामला पहुंचने के बाद पुलिस और प्रशासन सचेत हुआ और प्रार्थना सभाओं पर लगाम लगाई गई। जौनपुर जिले के चंदवक, डोभी, नेवढिया, मुंगराबादशाहपुर, महराजगंज, खेतासराय, कुद्दूपुर, तेजी बाजार और जफराबाद आदि इलाकों में नियमित गुपचुप प्रार्थना सभाएं संचालित हो रही थीं। अकेले डोभी में ही आठ हजार लोग धर्मांतरण कर चुके थे जबकि पूरे जिले में लगभग पंद्रह हजार लोगों के धर्मांतरण का आंकड़ा सामने आया है। जबकि अभियान के बाद कई परिवारों ने घर वापसी करते हुए मूल धर्म में अपनी आस्था जताई। जबकि जिले भर में धर्मांतरण में लिप्त सात लोग गिरफ्तार किए गए थे जबकि दो सौ लोगों पर मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। फिलहाल चंदवक थाने में मुकदमा दर्ज कराने के बाद विवेचना चल रही है।
बोले विवेचक मामले की विवेचना कर रहे केराकत कोतवाल अनिल कुमार सिंह के मुताबिक धर्मांतरण मामले की विवेचना चल रही है। सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आरोपी चिन्हित किए जा चुके हैं। जल्द ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की जाएगी। सभी आरोपित फिलहाल हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे ले लिए हैं।
प्रार्थना कराने बाहर से आते हैं मिशनरी से जुड़े लोग पूर्वांचल के जिन क्षेत्रों में धर्मांतरण के मामले उजागर हुए वहां प्रयागराज से अधिकतर पादरी या ईसाई मिशनरी के लोगों की सक्रियता सामने आई है। पुलिस की प्रारंभिक विवेचना में भी मिशनरियों की सक्रियता यहीं से उजागर हुई है। मगर प्रशासन के सचेत होने के बाद अब रविवार को होने वाली प्रार्थना सभाओं पर लगाम तो लगी ही है साथ ही मिशनरियों ने भी अपने पांव समेटने शुरू किए हैं।