Move to Jagran APP

लोकसभा चुनाव से पहले इस राज्य में आई बीजेपी के लिए अच्छी खबर, सरकार में शामिल हुई विपक्षी पार्टी; दो विधायक बने मंत्री

त्रिपुरा में भाजपा की ताकत और बढ़ गई है। टिपरा मोथा के वरिष्ठ नेता अनिमेष देबबर्मा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत वाली सरकार में मंत्री पद की शपथ ली। कुछ दिनों पहले त्रिपुरा के स्वदेशी लोगों के सभी मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के लिए दिल्ली में टिपरा मोथा त्रिपुरा सरकार और केंद्र के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

By Agency Edited By: Piyush Kumar Updated: Thu, 07 Mar 2024 12:06 PM (IST)
Hero Image
टिपरा मोथा के वरिष्ठ नेता अनिमेष देबबर्मा ने त्रिपुरा सरकार में मंत्री पद की शपथ ली।(फोटो सोर्स: एआईआर)
पीटीआई, अगरतला। टिपरा मोथा के वरिष्ठ नेता अनिमेष देबबर्मा ने आज (07 मार्च) त्रिपुरा विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत वाली सरकार में मंत्री पद की शपथ ली। अनिमेष देबबर्मा के अलावा बृशकेतु देबबर्मा ने भी मंत्री पद की शपथ ली। 

राजभवन के दरबार हॉल में एक समारोह में राज्यपाल नल्लू इंद्रसेन रेड्डी ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मुख्यमंत्री माणिक साहा, उनके कैबिनेट सहयोगी, टिपरा मोथा सुप्रीमो प्रद्योत देबबर्मा और सत्तारूढ़ दलों के कई नेताओं के अलावा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अनिमेष देबबर्मा ने विधानसभा अध्यक्ष विश्वबंधु सेन को विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में अपना इस्तीफा सौंप दिया।

सरकार का हिस्सा बनी टिपरा मोथा 

देबबर्मा ने कहा, "60 सदस्यीय विधानसभा में टिपरा मोथा के 13 विधायक हैं। आज टिपरा मोथा भाजपा के सहयोगी के रूप में सरकार का हिस्सा बन गए और उन्हें दो मंत्री पद आवंटित किए गए।"

नई नियुक्तियों के साथ राज्य में अब मुख्यमंत्री माणिक साहा सहित 11 मंत्री हैं। नियमों के मुताबिक राज्य में सीएम समेत 12 मंत्री हो सकते हैं।

टिपरा मोथा के नेता और केंद्र सरकार के बीच हुई बातचीत

कुछ दिनों पहले त्रिपुरा के स्वदेशी लोगों के सभी मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के लिए दिल्ली में टिपरा मोथा, त्रिपुरा सरकार और केंद्र के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

टिपरा मोथा ने चुनाव में उठाया था 'ग्रेटर टिपरालैंड' का मुद्दा

टिपरा मोथा ने पिछले साल 16 फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव में अपनी पहली चुनावी लड़ाई में 42 उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें 20 आदिवासी आरक्षित सीटों पर थे।

पार्टी ने 19.69 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 13 सीटें जीती थीं, क्योंकि इसने संविधान के अनुच्छेद 2 और 3 के तहत 'ग्रेटर टिपरालैंड' या आदिवासियों के लिए एक अलग राज्य की अपनी मांग को उजागर किया था।

यह भी पढ़ें: जौनपुर में भाजपा नेता प्रमोद यादव की गोली मारकर हत्या, धनंजय सिंह की पत्नी के खिलाफ लड़ा था चुनाव