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Tipra Motha Party: त्रिपुरा में TMP ने कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन की निकाली हवा, जानें क्या है 'शाही' कनेक्शन

टिपरा मोथा पार्टी ने त्रिपुरा में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ते हुए 13 सीटों पर जीत दर्ज की। उसने कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन को कड़ी टक्कर दी। इस पार्टी का गठन कब हुआ और इसका शाही कनेक्शन क्या है आइए जानते हैं...

By Achyut KumarEdited By: Achyut KumarUpdated: Thu, 02 Mar 2023 01:49 PM (IST)
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त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में पहली बार किस्मत आजमा रही टिपरा मोथा पार्टी ने जीती 13 सीटें
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Tipra Motha Party, Tripura Assembly Election 2023: त्रिपुरा में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही टिपरा मोथा पार्टी (TMP) ने दमदार दस्तक दी है। उसने 13 सीटें जीतकर सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। इस पार्टी का गठन 2021 में हुआ था, जिसके प्रमुख त्रिपुरा के पूर्व शाही वंशज प्रद्योत विक्रम माणिक्य देब बर्मा (Pradyot Bikram Manikya Deb Barma) हैं। 

42 सीटों पर टिपरा मोथा पार्टी ने लड़ा चुनाव

टिपरा मोथा पार्टी ने 42 सीटों पर चुनाव लड़ा। उसने किसी भी दल के साथ गठंधन नहीं किया है। इसकी वजह उसकी मांग ग्रेटर तिप्रालैंड के लिए किसी दल से कोई लिखित सहमति न मिलना है। पार्टी के प्रमुख देब बर्मा खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि टिपरा मोथा एक छोटी पार्टी है, जो राजनीति की व्यवस्था को बदलने के लिए पारदर्शिता में विश्वास करती है।

त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद में सत्ता में है टीएमपी

टिपरा माोथा 2021 से त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद में सत्ता में है। त्रिपुरा विधानसभा में कुल 60 सीटों में से अनुसूचित जनजातियों के लिए 20 आरक्षित सीटें हैं।

पहले कांग्रेस में थे माणिक्य देब बर्मा

टिपरा मोथा पार्टी को टिपरा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन के रूप में भी जाना जाता है। इसका नेतृत्व प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मा कर रहे हैं। माणिक्य देब बर्मा को 25 फरवरी 2019 को त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। हालांकि, कुछ ही महीनों के अंदर उन्होंने कांग्रेस आलाकमान पर भ्रष्ट लोगों को समायोजित करने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया। इसके लगभग तीन महीने बाद उन्होंने एक सामाजिक संगठन का गठन किया।

पांच फरवरी 2021 को टिपरा मोथा का गठन

पांच फरवरी 2021 को देबबर्मा ने घोषणा की, कि उनका संगठन राजनीतिक दल बन गया है और 2021 त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद चुनाव लड़ेगा। टिपरा पार्टी में आईएनपीटी (Indigenous Nationalist Party of Twipra), टीएसपी (Tipraland State Party) और आईपीएफटी का 2021 में विलय हो गया।

टिपरा मोथा ने जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद में जीती 16 सीटें

त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद के चुनाव में टिपरा मोथा ने 16 सीटें जीती, जबकि उसके सहयोगी आईएनपीटी को 2 सीटों पर जीत मिली। इस तरह परिषद में लेफ्ट के 15 साल का शासन का अंत हुआ। टिपरा एकमात्र ऐसी क्षेत्रीय पार्टी बन गई, जो बिना राष्ट्रीय पार्टी के गठबंधन के परिषद की सत्ता को पाने में कामयाब रही।