Tripura Assembly Election 2023: टिपरा मोथा 45 सीटों पर उतारेगी उम्मीदवार, दूसरे दलों की बढ़ेगी मुश्किलें
Tripura Assembly election त्रिपुरा विधानसभा की 60 सीटों पर इस साल फरवरी-मार्च में चुनाव होने हैं। इस बीच टिपरा मोथा के सुप्रीमो प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने बड़ा एलान किया है। उन्होंने कहा कि उनकी क्षेत्रीय पार्टी त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में 40-45 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी।
By Nidhi AvinashEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Wed, 18 Jan 2023 12:15 PM (IST)
अगरतला। Tripura Assembly election: त्रिपुरा विधानसभा की 60 सीटों पर इस साल फरवरी-मार्च में चुनाव होने हैं। इस बीच टिपरा मोथा के सुप्रीमो प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने बड़ा एलान किया है। उन्होंने कहा कि उनकी क्षेत्रीय पार्टी त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में 40-45 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी।
देबबर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी गैर-टिपरासा (गैर-आदिवासी) लोगों को भी टिकट देगी। शाही वंशज ने 17 जनवरी को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'मैं गैर-टिपरासा लोगों को भी टिकट दूंगा। जैसा हमने धलाई जिले में सूरमा विधानसभा उपचुनाव में किया था।'
गठबंधन के लिए बढ़ाया हाथ, अभी तक नहीं मिला साथ
देबबर्मा ने कहा, 'मैं गलत तत्वों को निर्वाचित होने से रोकने के लिए वोटों को विभाजित नहीं करना चाहता। पार्टी वहीं उम्मीदवारों को खड़ा करेगी, जहां जीतना संभव है।' उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने भाजपा के सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (IPFT) से एकीकरण की अपील की है क्योंकि वह आदिवासियों के मतों का विभाजन नहीं चाहती थी।मगर, आईपीएफटी से उसे कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। उन्होंने कहा, 'मैंने आईपीएफटी नेताओं से अपील की कि नाम भूलकर एकता के लिए दोनों दलों को एकजुट किया जाए, लेकिन ऐसा लगता है कि वे भाजपा के साथ बातचीत कर रहे हैं।' उधर, माकपा CPI(M) और कांग्रेस ने 13 जनवरी को घोषणा की कि वे त्रिपुरा विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे।Meghalaya Assembly Elections: जानें मेघालय की राजनीति, प्रमुख सिसासी दल और सत्ता के समीकरण
त्रिपुरा के लोगों के लिए अलग राज्य चाहते हैं प्रद्योत किशोर
टिपरा मोथा क्षेत्रीय राजनीतिक दल है, जिसका नेतृत्व शाही वंशज प्रद्योत किशोर देबबर्मा कर रहे हैं। वह त्रिपुरा के स्वदेशी लोगों के लिए एक अलग राज्य 'ग्रेटर टिपरालैंड' चाहते हैं। टिपरा मोथा ने 2021 में त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (TTAADC) का चुनाव जीता था। राज्य की 20 आदिवासी सीटों पर उनकी मजबूत उपस्थिति है।