टीएमसी सांसद डेरेक ओब्रायन का निलंबन हुआ वापस, सदन की कार्यवाही में शामिल होने की मिली अनुमति
राज्यसभा में मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ-ब्रायन के निलंबन के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। हालांकि बाद में यह तब शांत हुआ जब सभापति ने उनके निलंबन के प्रस्ताव पर सदन की सहमति नहीं लेने की चूक को मानते हुए निलंबित करने के अपने आदेश को वापस ले लिया। साथ ही उन्हें सदन की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति दे दी है।
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Tue, 08 Aug 2023 11:07 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राज्यसभा में मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ-ब्रायन के निलंबन के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। हालांकि, बाद में यह तब शांत हुआ, जब सभापति ने उनके निलंबन के प्रस्ताव पर सदन की सहमति नहीं लेने की चूक को मानते हुए निलंबित करने के अपने आदेश को वापस ले लिया। साथ ही उन्हें सदन की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति दे दी है।
डेरेक का निलंबन वापस
इससे पहले सभापति ने सरकार की ओर से उन्हें निलंबित करने के लिए लाए गए प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए उन्हें बाकी बचे पूरे सत्र के लिए निलंबित करने का एलान कर दिया था। सदन में हंगामे की शुरूआत तब हुई, जब तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ- ब्रायन के निलंबन को लेकर पीयूष गोयल ने सदन में प्रस्ताव पेश किया।
सभापति ने भी बगैर देरी लगाए उसे स्वीकार करते हुए उन्हें बाकी बचे सत्र के लिए निलंबन करने का एलान करते हुए सदन की कार्यवाही को स्थगित कर किया। इस बाद तो विपक्ष सांसदों ने जमकर हंगामा शुरू कर दिया और सभापति से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि सदन में हंगामा चल ही रहा थी तभी तृणमूल सांसदों ने निलंबन को नियमानुसार गलत बताते हुए सदन से मंजूरी नहीं लेने का मुद्दा उठाया। नियमों के तहत सदस्य के निलंबन को लेकर लिए गए फैसले पर सदन की सहमति लेनी जरूरी होती है। सदन में डेरेक के खिलाफ यह प्रस्ताव सदन में उनके गलत आचरण को देखते हुए लाया गया था। उनके आचरण को लेकर सभापति उन्हें कई बार चेतावनी दे चुके है।
संजय सिंह हो चुके हैं निलंबित
राज्यसभा में मौजूदा सत्र में इससे पहले गलत आचरण की वजह से आप सांसद संजय सिंह को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया गया था। सभापति सोमवार को उनके व्यवहार से उस समय नाखुश हो गए, जब दिल्ली सेवा विधेयक पर चर्चा के दौरान वह लगातार गलत शब्दों का चयन कर रहे थे। समय खत्म होने के बाद भी बैठ नहीं रहे थे।वहीं, आसन के निर्देश पर उत्तेजित होकर बात कर रहे थे। इससे पहले भी हाल ही में सभापति उनके आचरण को लेकर तब नाराज हो गए थे, जब उन्होंने हंगामे के बीच प्वाइंट ऑफ आर्डर की मांग की और जब मौका मिला, तो उनके पास कहने के लिए कोई गंभीर विषय नहीं थी, बल्कि उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को बोलने का मौका देने की मांग रखी थी।
इस बीच सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सभापति की ओर से दिखाई गई उदारता की सराहना की और कहा कि डेरेक ओ-ब्रायन से कम से कम वह यही उम्मीद करते है कि वह सभापति के सामने खेद व्यक्त करें।