Mahua Moitra: रिश्वत कांड के बीच ममता बनर्जी ने महुआ मोइत्रा को दी बड़ी जिम्मेदारी, सांसद बोलीं- Thank You
विवादों में घिरी टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को पार्टी ने पश्चिम बंगाल में नई जिम्मेदारी दी है। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को कृष्णानगर (नादिया उत्तर) का पार्टी जिला अध्यक्ष नियुक्त किया है। वहीं सांसद महुआ मोइत्रा ने नई जिम्मेदारी दिए जाने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि कृष्णानगर का जिला अध्यक्ष नियुक्त करने के लिए धन्यवाद।
By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Mon, 13 Nov 2023 04:22 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। रुपये व उपहार लेकर संसद में प्रश्न पूछने के मामले में घिरीं लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा को तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने संगठन में अहम जिम्मेदारी दी है। यह जिम्मेदारी देकर मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने परोक्ष रूप से संकेत दे दिया है कि पार्टी उनके साथ खड़ी हैं।
महुआ मोइत्रा को पार्टी ने दी नई जिम्मेदारी
बंगाल की सत्ताधारी पार्टी ने सोमवार को राज्य के विभिन्न जिलों में संगठनात्मक बदलाव की सूची प्रकाशित की। सांसद महुआ मोइत्रा को कृष्णानगर संगठनात्मक जिले का अध्यक्ष बनाया गया है। चोपड़ा के विधायक रुकबानुर रहमान को भी अध्यक्ष बनाया गया है।
महुआ ने ममता बनर्जी का जताया आभार
सांसद महुआ मोइत्रा ने नई जिम्मेदारी दिए जाने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी का आभार व्यक्त किया है।उन्होंने कहा कि कृष्णानगर का जिला अध्यक्ष नियुक्त करने के लिए ममता बनर्जी और पार्टी को धन्यवाद। मैं कृष्णानगर के लोगों के लिए पार्टी के साथ हमेशा काम करूंगी।
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क्यों विवादों में घिरी हैं सांसद महुआ मोइत्रा
बता दें कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप में विवादों में घिरी हैं। जब संसद में 'रिश्वत के बदले सवाल' को लेकर हंगामा चल रहा है तो तृणमूल महुआ के साथ है इसे लेकर कोई सीधा बयान नहीं दिया गया था, बल्कि महुआ के मुद्दे को पार्टी ने उनकी अपनी 'अपनी' लड़ाई बताया था। विपक्ष के कई लोग सवाल उठा रहे थे कि आखिर पार्टी महुआ के साथ क्यों नहीं खड़ी है? ऐसा देखा गया कि तृणमूल ने अलग खड़े होने के बजाय महुआ को सांगठनिक जिम्मेदारी दे दी, जिसे हाल के संदर्भ में तृणमूल के अंदरूनी सूत्रों का एक वर्ग 'महत्वपूर्ण' मान रहा है। कई लोगों के मुताबिक इससे यह संदेश गया कि पार्टी महुआ के पक्ष में है।
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एक अन्य वर्ग के मुताबिक, अगर महुआ को 'सजा' के तौर पर अगले लोकसभा चुनाव में खड़ा नहीं होने दिया गया तो पार्टी उनका संगठनात्मक तौर पर इस्तेमाल करेगी। ये फैसला उनका संदेश भी हो सकता है। बताते चलें कि तृणमूल ने 2021 के विधानसभा चुनावों के बाद अपना संगठनात्मक ढांचा बदल दिया। उस समय से, सत्तारूढ़ दल ने एक प्रशासनिक जिले को कई संगठनात्मक जिलों में विभाजित कर दिया। इससे पहले महुआ नदिया जिले की अध्यक्ष थीं, लेकिन जब तृणमूल ने नदिया को कृष्णानगर और राणाघाट के बीच विभाजित किया, तो महुआ को संगठनात्मक जिम्मेदारी नहीं दी गई। वह केवल एक सांसद के रूप में कार्य कर रही थीं।