पैसे लेकर सदन में सवाल पूछती थीं TMC सांसद महुआ मोइत्रा, BJP सांसद के आरोप के बाद अब खतरे में सदस्यता
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पैसे लेकर सदन में सवाल पूछती थीं। भाजपा सांसद निशिकांत ने तथ्यों के साथ लोकसभा अध्यक्ष से शिकायत की है। अब तक पूछे गए 61 में से 50 सवाल एक ही उद्योगपति के हितों से संबंधित है। भाजपा सांसद के आरोप के बाद अब महुआ की सदस्यता खतरे में है। पहले भी कई सांसदों की सदस्यता जा चुकी है।
By Jagran NewsEdited By: Achyut KumarUpdated: Sun, 15 Oct 2023 06:49 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में जहां कई तृणमूल सदस्य व मंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे हैं, वहीं अब पार्टी की लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) पर न सिर्फ गंभीर भ्रष्टाचार का, बल्कि सदन की गरिमा गिराने और विशेषाधिकारों के हनन का आरोप लगा है। उन पर पैसे और गिफ्ट के बदले विदेश में बसे एक उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी के हितों के लिए संसद में सवाल पूछने का आरोप लगा है।
गंभीर हैं महुआ मोइत्रा पर लगे आरोप
बता दें कि यह बहुत ही गंभीर आरोप है और 2005 में ऐसे ही एक मामले में कई सदस्यों की सदस्यता चली गई थी। वे नेता फिर लौटकर संसद नहीं पहुंचे।
महुआ मोइत्रा ने पूछे उद्योगपति से जुड़े सवाल
पिछले कुछ वर्षों में महुआ मोइत्रा ने अपने आक्रामक लहजे के कारण फायरब्रैंड नेता की छवि बनाई थी। रविवार को भाजपा सदस्य निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सीधा आरोप लगाया कि महुआ ने अब तक सदन में 61 सवाल पूछे हैं, जिसमें से 50 उक्त उद्योगपति के कारोबार से जुड़ा रहा है।यह भी पढ़ें: 'TMC नेता मुझसे मिलने नहीं, तमाशा करने दिल्ली आए थे' साध्वी निरंजन ज्योति का महुआ मोइत्रा पर पलटवार
दिल्ली के अधिवक्ता ने की पूरी पड़ताल
निशिकांत ने लोकसभा अध्यक्ष को बताया कि दिल्ली के एक अधिवक्ता जय अनंत देहाद्रई ने पूरी पड़ताल की है, लोकसभा में महुआ की ओर से पूछे गए सवालों की लिंक अटैच की है और साथ ही यह भी बताया है कि पूछे गए सवाल किस तरह एक ही उद्योगपति के संबंधित थे।यह भी पढ़ें: Kolkata: 'जब तक राज्य को मनरेगा का बकाया नहीं मिल जाता तब तक विरोध जारी रहेगा': TMC सांसद महुआ मोइत्रा
रोचक पहलू यह भी है कि कुछ सवालों को अदाणी समूह से जोड़ा जाता था, जिसके खिलाफ महुआ के उद्योगपति मित्र हीरानंदानी की कंपनी संघर्ष कर रही होती थी। निशिकांत ने पूरी जांच कमेटी बिठाने और कार्रवाई करने की मांग करते हुए कहा कि फायरब्रांड छवि तैयार करने वाली सच्चाई में पैसे लेकर सवाल पूछने वाली निकलीं। उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ संसद की अवमानना और विशेषाधिकार हनन है बल्कि दंड संहिता के 120 ए के तहत अपराध भी है।