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President Election 2022: शिवसेना सांसदों की जिद के आगे झुके उद्धव ठाकरे, राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का एलान

President election 2022 शिवसेना के ज्यादातर सांसद राष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने के पक्ष में अड़े हुए थे जिनकी जिद के आगे मंगलवार को शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे आखिरकार झुक गए हैं और द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का एलान कर दिया।

By Ashisha RajputEdited By: Updated: Tue, 12 Jul 2022 06:10 PM (IST)
President Election 2022: शिवसेना सांसदों की जिद के आगे झुके उद्धव ठाकरे, राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का एलान
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को बड़ी घोषणा की। (फोटो-एएनआइ)

महाराष्ट्र, एजेंसी। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को बड़ी घोषणा की। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को समर्थन देने के लिए हामी भर दी है। बता दें कि महाराष्ट्र की सत्ता हाथ से जाने के बाद उद्धव ठाकरे एक नई मुश्किल में पड़ गए थे, जिसमें उनकी पार्टी के ज्यादातर सांसदों ने राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करने की अपील की थी।

शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा-

  • हमने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए अपना समर्थन देने का फैसला किया है, यह देखते हुए कि एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनने का अवसर मिल रहा है। हां, मुझे पता है कि इसके बाद राजनीति शुरू होगी लेकिन इसमें राजनीति नहीं है।
  • उद्धव ने राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना के कुछ पुराने निर्णयों का उल्लेख करते हुए कहा कि राजग का एक घटक दल होने के बावजूद उनके पिता बालासाहब ठाकरे ने देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनने जा रही प्रतिभा पाटिल को एवं इस पद के लिए एक योग्य व्यक्ति होने के कारण प्रणब मुखर्जी को समर्थन दिया था। इसी प्रकार अब वह राजग का हिस्सा न होते हुए भी उन्होंने देश के हित में एक आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला किया है।
  • उद्धव के अनुसार महाराष्ट्र के आदिवासी समुदाय की ओर से भी उन्हें पत्र लिखकर द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करने का आग्रह किया गया था।

शिवसेना संसदीय दल के नेता संजय राउत ने-

इसी संदर्भ में मीडिया से बात करते हुए राज्यसभा सदस्य एवं शिवसेना संसदीय दल के नेता संजय राउत ने भी पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि द्रौपदी मुर्मू को समर्थन का मतलब भाजपा को समर्थन करना बिल्कुल नहीं है। मुर्मू एक आदिवासी महिला हैं, इसके अलावा जनभावना भी उनके साथ है। बता दें कि संजय राउत कल बुलाई गई सांसदों की बैठक में लोकसभा सदस्यों द्वारा द्रौपदी मुर्मू के समर्थन पर जोर देने के बाद नाराज होकर बैठक से बाहर चले गए थे। क्योंकि वह स्वयं महाविकास आघाड़ी के साथ रहने के पक्ष में थे, जोकि राष्ट्रपति चुनाव में दूसरे उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रही है।

आज राउत यशवंत सिन्हा को सिर्फ शुभकामनाएं देते नजर आए। बता दें कि हाल ही में शिवसेना के 40 विधायकों के अलग गुट बना लेने के बाद पार्टी संकट के दौर से गुजर रही है। जैसे उद्धव ठाकरे से अलग हुए विधायकों का मानना था कि वे जिस भाजपा के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़े, उसके साथ ही सरकार बनाना शिवसेना के हित में है। उसी प्रकार शिवसेना के ज्यादातर लोकसभा सदस्यों का भी मानना है कि भाजपा से अलग होकर चुनाव लड़ना उनके लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है। इसलिए वे अपने पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर राष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार को समर्थन देने पर दबाव बना रहे थे।

शिवसेना सांसदों की जिद

सोमवार को शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे द्वारा बुलाई गई बैठक में सात सांसद गैरहाजिर रहे। इसके पीछे की वजह, बैठक में राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार के समर्थन को लेकर थी। आपको बता दें कि इस मुद्दे पर शिवसेना के ज्यादातर सांसद राष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने के पक्ष में थे। वहीं बैठक में शामिल हुए सांसदों में भी ज्यादातर ने उद्धव ठाकरे से द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की अपील की। माना जा रहा है कि राजग उम्मीदवार को समर्थन करके ये सांसद भाजपा से बिगड़े संबंधों को भी सुधारने की दिशा में एक संकेत भी देना चाहते हैं।