'RBI के निर्णय पर शक करना पूर्व वित्त मंत्री को शोभा नहीं देता', निर्मला सीतारमण का चिदंबरम पर पलटवार
चिदंबरम ने कहा कि 2000 रुपये के नोट की शुरुआत और इसके बाद इसे वापस लेने से भारतीय मुद्रा की अखंडता और स्थिरता पर संदेह पैदा हुआ है। उन्होंने कहा कि इस बात का कम भरोसा है कि अर्थव्यवस्था उच्च विकास पथ पर पहुंच जाएगी।
By AgencyEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Mon, 29 May 2023 07:10 PM (IST)
मुंबई, पीटीआई। आरबीआई के 2000 रुपये के नोटों को वापस लेने का एलान के बाद से विपक्षी दल सरकार पर निशाना साध रहे हैं। इसी कड़ी में सोमवार को कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि 2000 रुपये के नोट की शुरुआत और उसे वापस लेने के तमाशे ने भारतीय मुद्रा की अखंडता और स्थिरता पर संदेह पैदा किया है। चिदंबरम की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस तरह के मामलों में केंद्रीय बैंक के निर्णय पर आक्षेप लगाना पूर्व वित्त मंत्री को शोभा नहीं देता।
मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर पत्रकारों से बात कर रही थीं वित्त मंत्री
निर्मला सीतारमण नरेंद्र मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर देश के विभिन्न हिस्सों में केंद्रीय मंत्रियों द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के तहत पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रही थीं।2000 के नोट को लेकर दायर याचिका दिल्ली HC से खारिज, बिना ID कार्ड के नोट बदलने पर BJP नेता ने जताई थी आपत्ति
कांग्रेस नेता चिदंबरम ने क्या कहा?
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि 2000 रुपये के नोट की शुरुआत और इसके बाद इसे वापस लेने से भारतीय मुद्रा की अखंडता और स्थिरता पर संदेह पैदा हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रमुख आर्थिक संकेतक नीचे की ओर इशारा कर रहे हैं और इस बात का कम भरोसा है कि अर्थव्यवस्था उच्च विकास पथ पर पहुंच जाएगी।
वित्त मंत्री ने किया पलटवार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पलटवार करते हुए कहा कि इस तरह के मामलों में केंद्रीय बैंक के निर्णय पर आक्षेप लगाना पूर्व वित्त मंत्री को शोभा नहीं देता। चिदंबरम की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर, सीतारमण ने कहा, "इस प्रकार के मामलों, मुद्रा, केंद्रीय बैंक के निर्णय पर संदेह करना पूर्व वित्त मंत्री के लिए अच्छा नहीं है, जो मंत्रालय के साथ रहे हैं।"2000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा
बता दें, आरबीआई ने हाल ही में 2000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा की और लोगों से इसे बैंकों में जमा करने या 30 सितंबर तक इसे बदलने के लिए कहा।