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वोट बैंक राजनीति के कारण 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' मनाने का किसी ने नहीं दिखाया था साहस- अमित शाह

हैदराबाद मुक्ति दिवस पर आयोजित समारोह को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संबोधित किया। उन्होंने इस दिन की शुरुआत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देते हुए आभार प्रकट किया और कहा कि आज के दिन के पीछे आंदोलन की कहानी से नई पीढ़ी अवगत होगी।

By Monika MinalEdited By: Updated: Sun, 18 Sep 2022 01:49 AM (IST)
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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हैदराबाद मुक्ति दिवस पर आयोजित समारोह को किया संबोधित
हैदराबाद, एजेंसियां: तेलंगाना में सत्तारूढ़ टीआरएस पर निशाना साधते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य में अब तक आधिकारिक रूप से 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' नहीं मनाया गया। इसके लिए उन्होंने वोट बैंक की राजनीति को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि कुछ नेता आश्वासन देने के बावजूद पीछे हट गए। 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' के आयोजन का फैसला लेने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया। कहा कि तेलंगाना, महाराष्ट्र और कर्नाटक के लोगों की भावनाओं का आदर करते हुए पीएम मोदी ने इस संबंध में निर्णय लिया।

17 सितंबर, 1948 को तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के प्रयासों से हैदराबाद रियासत का भारतीय संघ में विलय कराया गया था। केंद्र सरकार की ओर से इस अवसर पर पहली बार आयोजित 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, लोग लंबे समय से सरकारी स्तर पर आयोजन की मांग कर रहे थे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब तक सरकार में रहे लोग वोट बैंक की राजनीति के चलते इसका साहस नहीं दिखा सके। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, कई लोगों ने चुनावों और आंदोलनों के दौरान इस तरह के आयोजन का आश्वासन दिया था। लेकिन, सत्ता में आने के बाद 'रजाकारों' के भय से पीछे हट गए। उन्होंने इस अवसर पर आयोजन तो किया, लेकिन 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' नाम नहीं दिया। मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि अपने मन से 'रजाकारों' का भय निकाल दीजिए। भारत अब स्वतंत्र देश है और रजाकार फैसले नहीं ले सकते।

केसीआर ने आयोजन से बनाई दूरी

आइएएनएस के अनुसार, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' कार्यक्रम से दूरी बना ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और कर्नाटक के परिवहन मंत्री बी श्रीरामुलु ने इसमें भाग लिया। केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने इस कार्यक्रम में तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया था। इस आयोजन में गृह मंत्री अमित शाह ने तिरंगा फहराया और 1,200 कलाकारों ने प्रस्तुति दी। केसीआर ने 'तेलंगाना राष्ट्रीय एकता दिवस' नाम से समानांतर कार्यक्रम का आयोजन किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक शक्तियां देश और तेलंगाना को विभाजित करने का प्रयास कर रही हैं। उनका उद्देश्य लोगों में नफरत फैलाना है।

टीआरएस के नेता ने शाह के काफिले के आगे लगा दी कार

गृह मंत्री अमित शाह की हैदराबाद यात्रा के दौरान सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया। तेलंगाना राष्ट्रीय समिति के नेता गोसुला श्रीनिवास ने शाह के काफिले के आगे अपनी कार लगा दी। गृह मंत्री के सुरक्षाकर्मियों के निर्देश पर उन्हें अपनी कार हटानी पड़ी। कार श्रीनिवास खुद चला रहे थे। उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि वे उस समय तनाव में थे। इसीलिए यह घटना घटी। उन्होंने सुरक्षाकर्मियों पर कार में तोड़फोड़ करने का भी आरोप लगाया। भाजपा सांसद के लक्ष्मण ने इस घटना के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।

'क्रूर' निजाम की प्रजा को सराहा

गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को तेलंगाना, हैदराबाद-कर्नाटक और मराठवाड़ा के लोगों को 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' की बधाई दी। उन्होंने 'रजाकारों' के 'अत्याचारों' के खिलाफ लड़ाई के लिए जनता की सराहना भी की। शाह ने ट्वीट किया, मैं उन बलिदानियों और साहसी लोगों को नमन करता हूं, जिन्होंने 'क्रूर' निजाम के रजाकारों के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी। बताते चलें, रजाकार निजाम शासन के सशस्त्र समर्थक थे और निजी सेना की तरह काम करते थे। वे लोग हैदराबाद के भारत में विलय का विरोध करते थे।

हर गांव पहुंचें भाजपा कार्यकर्ता

अमित शाह ने शनिवार को तेलंगाना भाजपा कोर ग्रुप के साथ बैठक की। इसमें उन्होंने नेताओं से कहा कि टीआरएस शासन के खिलाफ अपना संघर्ष जारी रखें। बाइक रैलियों के जरिये राज्य के प्रत्येक गांव में पहुंचें। लोगों को समझाएं कि टीआरएस और कांग्रेस एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। इन दोनों का उद्देश्य सिर्फ अपने लिए काम करना है।