UP Politics: 'भीम-मीम का ढोंग, कांग्रेस दिल में सिर्फ मीम-मीम...' भाजपा ने आरक्षण खत्म करने के दुष्प्रचार का किया पर्दाफाश
UP Politics बृजलाल ने कांग्रेस व विपक्षी दलों को जम्मू-कश्मीर में दलितों और पिछड़ों को 70 साल तक आरक्षण से वंचित रखने का काम किया। मोदी सरकार के अनुच्छेद 370 खत्म करने का सबसे अधिक फायदा अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति और ओबीसी को मिला है। इन्हें पहली बार संविधान प्रदत आरक्षण का अधिकार के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी मिली हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के पहले आरक्षण का मुद्दा गरमा गया है। भाजपा के सत्ता में आने के बाद संविधान बदलने और एससी, एसटी व ओबीसी आरक्षण समाप्त करने के कांग्रेस के दुष्प्रचार की काट के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। रविवार को गृहमंत्री अमित शाह के आरक्षण को लेकर भाजपा की स्थिति स्पष्ट करने के बाद पार्टी ने उत्तर प्रदेश से पूर्व डीजीपी और वंचित सांसद बृजलाल को मैदान में उतारा।
कांग्रेस ने संविधान में सबसे ज्यादा बदलाव किया
बृजलाल ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को दलित, आरक्षण, बाबा साहब और संविधान का विरोधी बताया। उन्होंने 1961 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के सभी मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस को शुरू से ही आरक्षण पसंद नहीं है। बृजलाल ने भाजपा के खिलाफ संविधान बदलने के आरोप झूठी अफवाह बताते हुए कहा कि सच्चाई यह है कि कांग्रेस ने संविधान में सबसे ज्यादा बदलाव किया है।
ओबीसी का आरक्षण छीनकर मुसलमानों को दिया
उनके अनुसार कांग्रेस सिर्फ भीम-मीम का ढोंग करती है, जबकि उसके दिल में सिर्फ मीम-मीम है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर ने संविधान में कहीं भी धर्म के आधार पर आरक्षण का प्रविधान नहीं किया। लेकिन कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में ओबीसी कोटे में आरक्षण कम कर मुसलमानों को आरक्षण दिया। उसी तरह से कर्नाटक में भी ओबीसी का आरक्षण छीनकर मुसलमानों को दे दिया।अनुच्छेद 370 खत्म करने का सबसे अधिक फायदा किसे मिला?
उन्होंने बताया कि इसके अलावा कांग्रेस की सरकार द्वारा गठित रंगनाथ मिश्रा आयोग ने भी अपनी रिपोर्ट में दलित आरक्षण में से एक वर्ग विशेष को आरक्षण देने का सिफारिश की थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का धार्मिक आधार पर आरक्षण देना पूरी तरह से संविधान विरोधी है।बृजलाल ने कांग्रेस व विपक्षी दलों को जम्मू-कश्मीर में दलितों और पिछड़ों को 70 साल तक आरक्षण से वंचित रखने का काम किया। मोदी सरकार के अनुच्छेद 370 खत्म करने का सबसे अधिक फायदा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी को मिला है। इन्हें पहली बार संविधान प्रदत आरक्षण का अधिकार के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी मिली हैं।
आरक्षण के खत्म हो जाने का मुद्दा भी उठाया
उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया मिलिया इस्लामिया के अल्पसंख्यक संस्थान घोषित किये जाने के बाद एससी, एसटी और ओबीसी को यहां मिल रहे आरक्षण के खत्म हो जाने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि विडंबना यह है कि ओबीसी की राजनीति करने वाले अखिलेश यादव, लालू यादव और तेजस्वी यादव ने इसका कभी विरोध नहीं किया।यह भी पढ़ें: Modi On Reservation: पीएम पर कांग्रेस का पलटवार हम नहीं भाजपा खत्म करना चाहती है एससी-एसटी-ओबीसी आरक्षण