मोदी की गारंटी का भरोसा, एमपी-राजस्थान और छत्तीसगढ़ ने दिल खोलकर दिया समर्थन
मध्य प्रदेश राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया है। तीनों राज्यों की जनता ने बीजेपी को दिल खोलकर समर्थन दिया है। अब जबकि लोकसभा चुनाव महज पांच महीने की दूरी पर है तो संदेश बड़ी लड़ाई के लिए भी है और यह सवाल विपक्ष से पूछा जाएगा- कौन है ऐसा विश्वसनीय चेहरा जिसे टक्कर में खड़ा किया जाएगा।
By Jagran NewsEdited By: Manish NegiUpdated: Sun, 03 Dec 2023 07:28 PM (IST)
आशुतोष झा, नई दिल्ली। इन चुनाव नतीजों का यूं तो कई संदेश है, लेकिन एक बात शीशे की तरह स्पष्ट है.. विश्वसनीयता का मुकाबला किसी भी दूसरी चीज से नहीं किया जा सकता है। रेवड़ी के वादे तो हर किसी ने किए, लेकिन जनता के मन में यह ज्यादा बड़ा सवाल था कि थोड़ा कम भी मिले, लेकिन पूरा कौन कर सकता है। सवाल यह भी था कि लंबे समय तक कौन अपने वादे पर टिका रह सकता है।
दिल खोलकर मिला समर्थन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मोदी की गारंटी यानी पूरा होने की गारंटी और हिंदी पट्टी के तीनो राज्यों- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान ने दिल खोलकर समर्थन दे दिया। तेलंगाना में भी भाजपा को वोट फीसद में दोगुना और सीटों में कईगुना बढ़ोत्तरी हो गई। इसके साथ ही भाजपा ने उत्तर भारत के हिंदी पट्टी में अपनी पकड़ और मजबूत कर ली है और दक्षिण में पैर जमाने शुरू कर दिए हैं। अब जबकि लोकसभा चुनाव महज पांच महीने की दूरी पर है तो संदेश बड़ी लड़ाई के लिए भी है और यह सवाल विपक्ष से पूछा जाएगा- कौन है ऐसा विश्वसनीय चेहरा जिसे टक्कर में खड़ा किया जाएगा। यह सवाल कांग्रेस के लिए भी होगा और विपक्षी गठबंधन के लिए भी। वैसे हल्के फुल्के अंदाज में यह भी याद किया जाएगा कि पनौती कौन?
मोदी के नाम पर मांगे वोट
इन चुनावों में एक खास बात थी, तीनों राज्यों में सीधे-सीधे प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर भाजपा ने वोट मांगे। मध्य प्रदेश जैसा राज्य जहां शिवराज सिंह चौहान के नाम पर पार्टी के अंदर ही घमासान था। वहां, पार्टी के रणनीतिकार अमित शाह ने सभी नेताओं को एक मंच पर लाकर खड़ा कर दिया। राजस्थान में महारानी के दबाव को खारिज कर दिया। सोए हुए छत्तीसगढ़ संगठन में उर्जा भर दी और यह गारंटी दी गई कि भाजपा जो कह रही है वह पूरा होगा।ये भी पढ़ें:MP Election Results 2023 : मध्यप्रदेश में कांग्रेस की '11 गारंटी' फेल, भाजपा की ये 'योजना' बन गई गेमचेंजर
दूसरी तरफ कांग्रेस की ओर से बड़ी-बड़ी रेवड़ी की भी घोषणा हुई और जाति जनगणना जैसे दांव भी चले गए, लेकिन सब धरा का धरा रह गया। इसका सबसे बड़ा जवाब विश्वसनीयता ही है जहां मोदी के मुकाबले कोई खड़ा नहीं हो सका। आखिर हो भी कैसे जब कर्नाटक में कांग्रेस के नेता ही राहुल गांधी के जाति जनगणना के सबसे बड़े वादे के खिलाफ खड़े हों। कोई राहुल गांधी के वादे पर भरोसा कैसे करे जब कमलनाथ, गहलोत और भूपेश बघेल ही चुनाव में आलाकमान के निर्देशों को नजरअंदाज करे।