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NDA राज्यसभा में आसानी से पास करा लेगी वक्फ संशोधन बिल? पढ़ें क्या है सीटों का गणित

केंद्र सरकार की ओर से वक्फ संशोधन विधेयक को लोकसभा में पेश किए जाने के बाद इसे लेकर काफी हंगामा मचा था। लिहाजा सरकार ने इसके लिए संयुक्त संसदीय समिति गठित करने का फैसला किया था। हालांकि समिति की मंजूरी के बाद अगर बिल फिर से सदन में आता है तो क्या भाजपा इसे आसानी से पास करा लेगी या उसके सामने चुनौतियां आएंगी? जानिए सीटों का गणित।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Sat, 07 Sep 2024 10:00 PM (IST)
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राजग के पास लोकसभा में बहुमत है, इसलिए वहां बिल को लेकर कोई समस्या नहीं होगी। (File Image)

पीटीआई, नई दिल्ली। भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार ने हाल ही में वक्फ संशोधन विधेयक को लोकसभा में पेश किया। विधेयक को लेकर लगातार हंगामा हो रहा है। हालांकि, राजग के पास लोकसभा में बहुमत है, लिहाजा उसे इस विधेयक को यहां पास कराने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

नामित सदस्यों के समर्थन के साथ NDA को बहुमत

वहीं, राज्यसभा की बात करें तो उसके पास छह नामित सदस्यों के समर्थन के साथ बहुमत है, जिससे कहीं न कहीं उच्च सदन का भी रास्ता साफ है। हाल ही में हुए उपचुनावों के बाद वर्तमान में राज्यसभा में 234 सांसद हैं। इसमें भाजपा के 96 सदस्य और इसके सहयोगी दलों के साथ यह संख्या 113 है।

छह मनोनीत सदस्यों को मिलाकर राजग के सांसदों की संख्या 119 हो जाती है, जो 117 के बहुमत के आंकड़े से दो अधिक है। राज्यसभा में कांग्रेस के 27 सदस्य हैं और इसके सहयोगी दलों के 58 सदस्य हैं। इनके जुड़ने से विपक्षी गठबंधन के सदस्यों की संख्या 85 हो गई है।

ये दल हैं तटस्थ

प्रमुख तटस्थ दलों में नौ सदस्यों वाली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और सात सदस्यों वाली बीजद शामिल हैं। अन्नाद्रमुक के चार सदस्य, तीन निर्दलीय और छोटे दलों के अन्य सांसद हैं, जो दोनों बड़े समूहों में से किसी से भी नहीं जुड़े हैं। जम्मू-कश्मीर से उच्च सदन में चार सीटें खाली हैं, क्योंकि केंद्र शासित प्रदेश को अभी तक अपनी पहली विधानसभा नहीं मिली है। इससे राज्यसभा की प्रभावी संख्या घटकर 241 रह गई है।

अभी 11 सीटें रिक्त

फिलहाल 11 सीटें खाली हैं। इसमें से जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश और नामित में चार-चार खाली हैं। वहीं ओडिशा में एक सीट खाली है। वाईएसआरसीपी के दो और बीजद के एक सदस्य ने हाल ही में राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। राज्यसभा में भाजपा के सहयोगियों में जदयू, राकांपा(अजीत गुट), जदएस, आरपीआई (अठावले), शिवसेना, रालोद, नेशनल पीपुल्स पार्टी, पीएमके, तामिल मनीला कांग्रेस और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) शामिल हैं।