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Waqf Amendment Bill: वक्फ बिल पर JDU ने दिया सरकार का साथ, ओवैसी से लेकर अखिलेश तक; विधेयक पर क्या बोला विपक्ष?

Waqf Amendment Bill लोकसभा में आज वक्फ वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश किया गया। संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू वक्फ एक्ट 1995 में संशोधन के लिए वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पेश किया। इस विधेयक पर विपक्ष ने एतराज जाहिर किया है। ओवैसी से लेकर अखिलेश यादव तक ने विधेयक का विरोध करते हुए सरकार के खिलाफ निशाना साधा है।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Thu, 08 Aug 2024 02:29 PM (IST)
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वक्फ बोर्ड विधेयक पर संसद में मचा हंगामा।(फोटो सोर्स: जागरण)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच वक्फ बोर्ड विधेयक (Waqf Amendment Bill) पेश किया गया। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने आज विधेयक पेश किया। इस विधेयक पर विपक्ष को एतराज है।

दरअसल, विधेयक के संसोधन के बाद गैर-मुस्लिम व्यक्तियों और मुस्लिम महिलाओं को भी केंद्रीय और राज्य वक्फ निकायों में शामिल किया जाएगा। इस कदम से विपक्ष को आपत्ति है। समाजवादी पार्टी सांसद मोहिबुल्ला ने कहा कि विधेयक संशोधन के जरिए हमारे धर्म में दखलअंदाजी की जा रही है। वहीं, ओवैसी ने कहा कि यह हमारी धर्म की आजादी पर हमला है।

वक्फ बिल पर जेडीयू ने दिखाई हरी झंडी?

जनता दल यूनाइटेड के नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने संसद में वक्फ बोर्ड विधेयक का समर्थन किया है। ललन सिंह ने विपक्ष को घेरते हुए कहा कि यह बिल मुसलमान विरोधी नहीं है। ये मंदिर की बात करते हैं, मंदिर की बात कहां से आ गई।

ललन सिंह ने आगे कहा कि कोई भी संस्था जब निरंकुश होगी तो सरकार उस पर अंकुश लगाने के लिए, पारदर्शिता के लिए कानून बनाएगी। यह उसका अधिकार है। पारदर्शिता होनी चाहिए और ये बिल पारदर्शिता के लिए है। उन्होंने कहा कि यह अल्पसंख्यकों की बात करते हैं, सिखों का कत्लेआम किसने किया था।

कांग्रेस ने क्या कहा?

कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने वक्फ बोर्ड विधेयक (What is Waqf Amendment Bill) पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ये संविधान से मिले धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है। यह बिल फंडामेंटल राइट्स पर हमला है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अयोध्या के मंदिर में कोई नॉन हिंदू है, क्या किसी मंदिर की कमेटी में किसी गैर हिंदू को रखा गया है। वेणुगोपाल ने कहा कि वक्फ भी एक धार्मिक संस्था है। यह समाज को बांटने की कोशिश है।

समाजवादी पार्टी सांसद ने विधेयक को बताया धर्म विरोधी

रामपुर से सांसद मोहिबुल्ला ने कहा कि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में भी लिखा गया है कि केवल सिख ही सदस्य होगा। फिर मुसलमानों के साथ ये अन्याय क्यों। हम बहुत बड़ी गलती करने जा रहे हैं जिसका खामियाजा हम सदियों तक भुगतते रहेंगे।

सपा सांसद ने आगे कहा कि सरकारी अमले को ये हक दिया जा रहा है, सर्वे कमीशन के अधिकार खत्म किए जा रहे हैं। ये मेरे मजहब के मुताबिक कोई चीज है तो उसे आप तय करेंगे या मैं तय करूंगा। यह हमारे मजहब में दखलअंदाजी है। ऐसा हुआ तो कोई भी अल्पसंख्यक खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करेगा। कहीं ऐसा न हो कि जनता सड़कों पर आ जाए।

एक धार्मिक ग्रुप को टार्गेट कर रहा ये विधेयक: डीएमके

डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने कहा कि ये संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है. किसी मंदिर की कमेटी में जब कोई गैर हिंदू सदस्य नहीं है तो फिर वक्फ में क्यों. ये बिल विशेष तौर पर एक धार्मिक ग्रुप को टार्गेट करता है जो समानता के कानून का उल्लंघन करता है।

यह संविधान की मूल भावना पर हमला: ओवैसी

एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने नियम 72 (2) के तहत बिल पेश किए जाने पर विरोध जताया। उन्होंने कहा कि यह संविधान की मूल भावना पर हमला है। आप हिंदू पूरी संपत्ति अपने बेटे-बेटी के नाम पर दे सकते हो लेकिन हम एक तिहाई ही दे सकते हैं। हिंदू संगठन और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में गैर धर्मों के सदस्य शामिल नहीं होते तो वक्फ में क्यों।

ओवैसी ने आगे कहा,"यह विधेयक हिंदू-मुसलमान में भेदभाव करता है। वक्फ प्रॉपर्टी पब्लिक प्रॉपर्टी नहीं है। यह सरकार दरगाह और अन्य संपत्तियां लेना चाहती है। सरकार कह रही है कि हम महिलाओं को दे रहे हैं, मुझे यकीन है कि आप बिल्किस बानो और जकिया जफरी को मेंबर बनाएंगे। आप देश को बांटने का काम कर रहे हैं। आप मुसलमानों के दुश्मन हैं।

सरकार की ये सोची समझी साजिश: अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर लोकसभा में कहा, "ये बिल जो पेश किया जा रहा है वो बहुत सोची समझी राजनीति के लिए तैयार हो रहा है।

अखिलेश यादव ने आगे कहा,"अध्यक्ष महोदय, मैंने लॉबी में सुना है कि आपके कुछ अधिकार भी छीने जा रहे हैं और हमें आपके लिए लड़ना होगा। मैं इस बिल का विरोध करता हूं।' अखिलेश यादव के दावों का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कहते हैं, "अखिलेश जी, क्या इस तरह की गोलमोल बात आप नहीं कर सकते। आप स्पीकर के अधिकार के संरक्षक नहीं हो ।"

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