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Rahul Gandhi: वायनाड, अमेठी या रायबरेली..., राहुल गांधी की केरल यात्रा से पहले राजनीति गर्म; इस सीट को लेकर चल रही सियासत

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की रायबरेली और केरल की वायनाड सीट से जीत दर्ज की है। हालांकि एक ओर वह रायबरेली (Raebareli) की जनता को बधाई दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेता अब वायनाड का दौरा करने वाले हैं। पीटीआई के मुताबिक राहुल गांधी 12 जून को केरल के वायनाड का दौरा कर सकते हैं।

By Agency Edited By: Sonu Gupta Updated: Mon, 10 Jun 2024 05:22 PM (IST)
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राहुल गांधी की केरल यात्रा से पहले राजनीति गर्म। फाइल फोटो।
पीटीआई, तिरुवनंतपुरम। Wayanad Vs Raebarelli Seat: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की रायबरेली और केरल की वायनाड सीट से जीत दर्ज की है। हालांकि, एक ओर वह रायबरेली (Raebareli) की जनता को बधाई दे रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस नेता अब वायनाड का दौरा करने वाले हैं। राहुल गांधी के वायनाड दौरे से पहले राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार तेज हो गया है।

राहुल गांधी कब जाएंगे वायनाड?

समाचार एजेंसी पीटीआई ने सोमवार को बताया कि राहुल गांधी 12 जून को केरल के वायनाड का दौरा कर सकते हैं। मालूम हो कि कांग्रेस नेता की केरल दौरान हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में वायनाड लोकसभा क्षेत्र (Wayanad Lok Sabha seat) में भारी जीत हासिल करने के कुछ दिनों बाद हो रही है। उन्होंने वायनाड लोकसभा सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और सीपीआई उम्मीदवार एनी राजा को 3,64,422 मतों के अंतर से हराया था।

इस सीट को छोड़ सकते हैं राहुल गांधी?

वहीं, राहुल गांधी की वायनाड यात्रा से पहले विपक्षी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) ने 12 जून को घोषित राज्य विधानसभा तक विरोध मार्च को स्थगित करने का एलन कर दिया है।

राजनीतिक गलियारों में ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट को छोड़ सकते हैं और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के पारंपरिक गढ़ रायबरेली को बरकरार रख सकते हैं। मालूम हो कि राहुल गांधी अक्सर वायनाड को अपना परिवार बताते रहते हैं।

रायबरेली में राहुल से अधिक सक्रिय थीं प्रियंका

मालूम हो कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में राहुल गांधी से अधिक प्रियंका गांधी सक्रिय रहीं। राहुल की जीत की जिम्मेदारी भी प्रियंका ने अपने ऊपर ली। 3 मई को नामांकन के बाद पांच मई को ही वह रायबरेली पहुंच गई। वहां उन्होंने रायबरेली के कार्यकर्ताओं से संवाद किया। वह 18 मई तक रायबरेली में ही डटी रहीं। इन 13 दिनों में महज एक दिन के लिए वह तेलंगाना गईं। बाकी अन्य दिन रायबरेली में कार्यकर्ता और आम लोगों के बीच रहीं।

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