Move to Jagran APP

Bihar Politics: अमित शाह के बिहार दौरे के क्या है मायने, सीमांचल को इसलिए कहा जाता है राजनीतिक चक्रव्यूह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते सप्ताह दो दिनों के लिए बिहार का दौरा किया। उन्होंने अपने इस दौरे के साथ ही बिहार में 2024 के लोकसभा चुनाव और 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव का आधिकारिक ऐलान कर दिया।

By Sonu GuptaEdited By: Updated: Sun, 25 Sep 2022 07:12 PM (IST)
Hero Image
अमित शाह ने कि‍या सीमांचल का दौरा। (फाइल फोटो)
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते सप्ताह दो दिनों के लिए बिहार का दौरा किया। उन्होंने अपने इस दौरे के साथ ही बिहार में 2024 के लोकसभा चुनाव और 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव का आधिकारिक ऐलान कर दिया। उन्होंने इस दौरान साफ तौर पर इशारा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बिहार में इस बार अपने दम पर चुनाव लड़ेगी और 2024 के लोकसभा चुनाव के परिणामों को देखते हुए मुख्यमंत्री के चेहरे का ऐलान करेगी। मालूम हो कि बिहार में नीतीश कुमार के पाला बदल कर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के तेजस्वी यादव के साथ आठवीं बार मुख्यमंत्री बनने के बाद गृह मंत्री का यह बिहार दौरान अहम माना जा रहा है।

सीमांचल को इसलिए चुना

बिहार दौरे पर आए अमित शाह सीमांचल में अपनी रैली की। इस दौरान वह पार्टी के नेताओं से भी मिले। शाह सीमांचल के अलावा पटना, गया या फिर बिहार के किसी अन्य बड़े शहरों में अपनी रैली कर सकते थे। हालांकि उन्होंने सीमांचल को ही इसलिए चुना क्योंकि सीमांचल की सीमा पड़ोसी राज्य बंगाल के साथ जुड़ा हुआ है और सीमांचल में जो कुछ भी होता है उसकी धमक बंगाल तक सुनाई देती है। बिहार के सीमांचल में अगर कोई समीकरण बनता है तो वह बंगाल को भी प्रभावित करता है।

बिहार रहा है राजनीति की धूरी

केंद्र में सरकार बनाने का रास्ता यूपी- बिहार से होकर ही जाता है। हालांकि कई समीकरणों के आधार पर ही इस रास्ते पर आगे बढ़ा जाता है। सीमांचल में लोकसभा की चार सीटें पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार हैं। अगर 2019 की बात करें तो यहां पर NDA को 4 में से 3 सीटें मिली थीं। इसमें से बीजेपी के खाते में अररिया, जबकि पूर्णिया और कटिहार जदयू के हिस्से में आई थी। हालांकि चौथी सीट पर महागठबंधन का खेमा कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। नीतीश कुमार के एनडीए को छोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाने पर यहां का समीकरण बदल गया है। सीमांचल का एक सीट एनडीए के पास है वहीं महागठबंधन के सीटों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है। ऐसे में यह देखकर साफ हो जाता है कि अमित शाह मिशन 2024 के साथ-साथ 2025 के विधानसभा चुनाव के लिए भी सीमांचल की पिच को तैयार कर रहे हैं।

चक्रव्यूह के चार द्वार

सीमांचल के चक्रव्यूह के चार द्वारा हैं। इसमें पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार और अररिया शामिल है। सीमांचल इलाके में अल्पसंख्यक समुदायों की संख्या बहुल है। ऐसे में यहां पर भाजपा नेता को साफ तौर पर जानकारी है कि इस सीट को जीते बगैर 2024 और 2025 के चक्रव्यूह को भेदना मुश्किल होगा।

यह भी पढ़ें- अमित शाह ने केंद्रीय बलों के आला अधिकारियों के साथ की उच्‍च स्तरीय बैठक, अंतरराष्‍ट्रीय सीमा सुरक्षा पर हुई चर्चा

यह भी पढ़ें- अमित शाह ने प्रोटोकॉल तोड़ उठाया ये कदम, पहली बार किशनगंज में 24 घंटे रुका कोई केंद्रीय गृह मंत्री