Election 2024: झारखंड-महाराष्ट्र में कब होंगे विधानसभा चुनाव? तारीख पर आया बड़ा अपडेट
Jharkhand Maharashtra Election 2024 Date महाराष्ट्र और झारखंड में कब होंगे विधानसभा चुनाव इसे लेकर सस्पेंस बना हुआ है। हालांकि निर्वाचन आयोग ने झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अपनी तैयारी पूरी कर ली है। नवरात्र और दशहरा के चलते इसकी घोषणा में देरी हो रही है। लेकिन इसके तुरंत बाद झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी जाएगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव से निपटने के बाद निर्वाचन आयोग का ध्यान अब झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पर है। इसकी घोषणा आयोग कभी भी कर सकता है। वैसे जो संकेत मिल रहे हैं, उसके तहत ज्यादा से ज्यादा अगले हफ्ते की शुरुआत तक दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो जाएगी।
EC ने किया चुनावी तैयारियों का आकलन
इस बीच, आयोग ने गृह मंत्रालय सहित दूसरी एजेंसियों के साथ दोनों राज्यों की चुनावी तैयारियों को लेकर भी चर्चा की है। साथ ही उसे अंतिम रूप दिया है। इससे पहले आयोग दोनों राज्यों का दौरा कर चुनावी तैयारियों का आकलन कर चुका है।
महाराष्ट्र में कब होंगे विधानसभा चुनाव?
आयोग से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, महाराष्ट्र में विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर तक ही है। ऐसे में यहां इससे पहले चुनाव करा लिए जाएंगे। वैसे भी चुनाव के लिए करीब चालीस दिन का समय दिया जाता है। ऐसे में इसकी घोषणा में अब और देरी संभव नहीं है। इसे सिर्फ एक-दो दिन आगे-पीछे किया जा सकता है।
झारखंड में कब होंगे विधानसभा चुनाव?
वहीं, झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 तक है। ऐसे में इस चुनाव को आगे बढ़ाया जा सकता है लेकिन दिसंबर-जनवरी में कड़ाके की ठंड पड़ने के चलते इसे अब तक महाराष्ट्र के साथ ही करा लिया जाता है। आयोग से जुड़े सूत्रों की मानें तो दोनों राज्यों में चुनाव की घोषणा की तैयारी पूरी हो चुकी है।
चुनाव की तैयारी
- आयोग के अधिकारियों के स्थानांतरण में देरी के मामले महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाने के बाद अधिकारियों का भी स्थानांतरण कर दिया गया है।
- हालांकि, इसके बाद भी आयोग राज्य में अधिकारियों के स्थानांतरण पर अपनी पैनी नजर रखे हुए है। माना जा रहा है कि चुनाव की घोषणा के बाद उसे जहां भी गड़बड़ी मिलेगी, वह उससे सख्ती से निपटेगा।
- हाल ही में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दौरान भी आयोग ने स्थानांतरण नीति का पालन न करने पर बड़ी संख्या में अधिकारियों को हटा दिया था।