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जिससे सीखी सियासत उसी से कर दी बगावत, पांच बार उपमुख्यमंत्री बनने वाले अजित पवार के सियासी सफर पर एक नजर

पिछले कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र की सियासत में काफी हंगामा हुआ। इस हंगामे की वजह थे अजित पवार जिन्होंने एनसीपी के नौ विधायकों के साथ भाजपा-शिंदे गुट में शामिल होने का फैसला किया। एनसीपी के प्रमुख चेहरों में से एक ने आखिर क्यों अपने चाचा से बगावत की इसे लेकर काफी चर्चा हो रही है लेकिन जरा अजित पवार की जिंदगी पर नजर डालेंगे।

By Piyush KumarEdited By: Piyush KumarUpdated: Tue, 04 Jul 2023 09:40 PM (IST)
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अपने चाचा शरद पवार से बगावत करने वाले अजित पवार की जिंदगी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें।(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Ajit Pawar Life Story। पिछले कुछ सालों से महाराष्ट्र की राजनीति काफी दिलचस्प हो चुकी है। साल 2022 में बालासाहेब ठाकरे द्वारा बनाई गई पार्टी शिवसेना दो हिस्सों में बंट गई और अब भारतीय राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार की पार्टी बिखर चुकी है। 

शरद पवार ने 10 जून 1999 को इस राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पार्टी की स्थापना की। इस पार्टी के साथ पीए संगमा और तारीक अनवर जैसे नेता जुड़े। शरद पवार का परिवार भी उनके साथ हमेशा खड़ा रहा। शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने भी अपने चाचा का साथ देने के लिए एनसीपी में शामिल हुए।

(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)

अजित पवार ने अपनी राजनीतिक कौशल के जरिए पार्टी को महाराष्ट्र में मजबूत बनाया। पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर कई चुनाव में एनसीपी को एक बड़ा जनाधार दिलावाने में मदद की।

लेकिन, अब आखिर ऐसा क्या हो गया कि भतेजी ने अपने चाचा का साथ छोड़कर एनसीपी से निकलर एनडीए यानी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का दामन थाम लिया?

वो एनसीपी के आठ विधायकों के साथ भाजपा- शिंदे गुट में शामिल हो गए। वहीं, रविवार को वो महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री भी बन गए। चाचा के खिलाफ बगावत करने के पीछे वजह कई हैं, लेकिन आज हम जरा अजीत अनंतराव पवार की जिंदगी पर नजर डालेंगे। 

(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)

फिल्म जगत से जुड़े थे पिता 

22 जुलाई 1959 को अहमदनगर जिले के देवलाली प्रवरा में अपने दादा के घर जन्मे अजित पवार, शरद पवार के बड़े भाई अनंतराव पवरा के बेटे हैं। उनके पिता फिल्म जगत से जुड़े हुए थे। अनंतराव ने मुंबई में मौजूद वी. शांताराम के राजकमल स्टूडियो में काम किया।

महाराष्ट्र एजुकेशन सोसायटी हाई स्कूल बारामती से उन्होंने प्राथमिक शिक्षा हासिल की। हालांकि, जब वो कॉलेज में थे तो उनके पिता का निधन हो गया, जिसके बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी। 

प्राथमिक शिक्षा प्राप्त प्राप्त करने के बाद अजित पवार ने साल 1982 में राजनीति में कदम रखा। जब वो प्राथमिक शिक्षा की पढ़ाई कर रहे थे, तो उस दौरान उनके चाचा यानी शरद पवार एक दिग्गज सियासी नेता बन चुके थे। राजनीति में कदम रखने के बाद उन्होंने एक सहकारी चीनी कारखाने के बोर्ड के लिए चुने लड़ा। वो सहकारी बैंक के अध्यक्ष के रूप में चुने गए। वो अगले 16 सालों तक इसी पद पर काबिज रहे। 

(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)

लगातार छह बार बने विधायक

कई सालों तक मेहनत करने के बाद उन्होंने महाराष्ट्र की राजनीति पर अपनी पकड़ मजबूत बना ली। इसके बाद साल 1995 में वो पहली बार पुणे जिले में बारामती विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से महाराष्ट्र विधान सभा (एमएलए) के सदस्य बने। इसके बाद से वो लगातार इस निर्वाचन क्षेत्र के विधायक चुने जाते रहे। उन्होंने साल 1995, 1999, 2004, 2009 और 2014 और 2019 में विधायक का चुनाव जीता।

मंत्री पद का है लंबा अनुभव 

महाराष्ट्र सरकार में रहते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण मंत्री पद संभालने का तजुर्बा है। उन्होंने राज्य सरकार में कृषि, ऊर्जा और योजना राज्य मंत्री के रूप में काम किया। उन्होंने सुधाकर नाइक की सरकार में कृषि और बिजली राज्य मंत्री के रूप में काम किया। इसके बाद जब उनके चाचा शरद पवार 1992 और 1993 में मुख्यमंत्री बने तो उन्हें मंत्री बनाया गया।

इसके बाद साल 1999 में जब कांग्रेस और एनसीपी सत्ता में आई तो उन्हों विलासराव देशमुख की सरकार सिंचाई मंत्री का कार्यभार सौंपा गया। वहीं, साल 2003-2004 में सुशील कुमार शिंदे की सरकार में उन्हें ग्रामीण विकास का अतिरिक्त प्रभार दिया गया।

(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया) 

जब एक साल में दो बार बने उपमुख्यमंत्री 

साल 2019 के बाद अजित पवार की राजनीतिक करियर काफी दिलचस्प रही। उन्होंने 2019 में दो अलग-अलग मुख्यमंत्री के अधीन उपमुख्यमंत्री की शपथ ली। 23 नवंबर की सुबह उन्होंने देवेंद्र फडनवीस के साथ उपमुख्यमंत्री की शपथ ली।

लेकिन, सदन में फडनवीस बहुमत साबित करने में नाकाम रहे। इसके बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री की शपथ ली तो उन्हें एक बार फिर उपमुख्यमंत्री बनाया गया। अब साल 2023 में वो एक बार फिर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बने हैं। वो अबतक पांच बार उपमुख्यमंत्री बन चुके हैं। 

अजित पवार पहली बार साल 2010 के नवंबर महीने में उपमुख्मंत्री बने। इसके बाद साल 2010 में वो दूसरी बार उपमुख्यमंत्री बने।

उनके निजी जीवन की बात करें तो उनकी पत्नी का नाम सुनेत्रा पवार है। वो महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री पदम सिंह पाटिल की बहन हैं। अजित पवार और सुनेत्रा पवार के दो बेटे हैं, जिनके नाम जय पवार और पार्थ पवार हैं।