आखिरी समय में क्यों कांग्रेस अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी से हटे दिग्विजय सिंह, कहीं ये कारण तो नहीं
वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह अध्यक्ष पद के नामांकन के लिए पर्चा लिया था लेकिन उसे जमा नहीं किया और अंतिम समय पर अध्यक्ष पद के रेस से बाहर हो गए। राजनीतिक पंडित के मुताबिक वह कांग्रेस के अंदर मौजूद एक गुट का शिकार हुए हैं।
By Sonu GuptaEdited By: Updated: Sat, 01 Oct 2022 07:29 PM (IST)
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, शशि थरूर और झारखंड के केएन त्रिपाठी सहित कुल तीन लोगों ने नामांकन दाखिल किया था। केएन त्रिपाठी के नामांकन रद होने के कारण वह रेस से बाहर हो गए। अध्यक्ष पद की रेस में मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर शामिल हैं। शशि थरूर ने जहां एक ओर खड़गे को कांग्रेस का भीष्म पितामह करार दिया तो वहीं आलाकमान की ओर से उनको अध्यक्ष पद का उम्मीदवार माना जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष पद के नामांकन के लिए कई नाम सामने आए, जिसमें दिग्विजय सिंह का नाम भी चर्चा में रहा।
दिग्विजय सिंह इसलिए हटे पीछे
वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह अध्यक्ष पद के नामांकन के लिए पर्चा लिया था लेकिन उसे जमा नहीं किया। कई राजनीतिक पंडित यह मान रहे हैं कि दिग्विजय सिंह को कांग्रेस के अंदर ही एक गुट ऐसा है जो उनको पसंद नहीं करता है। राजनीतिक जानकार इसके पीछे यह तर्क देते हैं कि दिग्विजय समय-समय पर कुछ ऐसा बोल जाते हैं जिससे पार्टी को बड़े पैमाने पर नुकसान का सामना करना पड़ता है। दिग्विजय इसी गुट का शिकार हो गए।कद्दवार नेता के तौर पर माने जाते थे दिग्विजय
वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई के मुताबिक दिग्विजय सिंह पार्टी के अंदर मौजूद एक गुट का शिकार हो गए, यह गुट दिग्विजय सिंह को पसंद नहीं करता है। वह मानते हैं कि कांग्रेस के अंदर एक जाति विशेष गुट है, जिसने उनके खिलाफ माहौल बनाना शुरू कर दिया और पिछले कई घटनाओं को उकेरना शुरू कर दिया, जिसके कारण उन्हें अपना नाम वापस लेना पड़ा। गुट ने यह भी कहना शुरू कर दिया कि समय-समय कई राजपूत नेताओं ने आलाकमान से लोहा लिया है। उन्होंने दिग्विजय के पुराने बयान का भी हवाला देना शुरू कर दिया, जिसमें कहा गया कि अगर वह अध्यक्ष बने तो कांग्रेस के लिए नुकसान होगा।
खास से आम हुए दिग्विजय
वरिष्ठ पत्रकार राधिका रामाशेषन का मानना है कि एक दौर ऐसा भी था जब दिग्विजय कांग्रेस के बेहद करीबी हुआ करते थे। साल 2012 के यूपी चुनाव के दौरान दिग्विजय सिंह गांधी परिवार और खासकर राहुल गांधी के करीब आए थे। हालांकि, उनके और गांधी परिवार के साथ पिछले कुछ सालों के दौरान लगातार दूरियां बढ़ती गई। दिग्विजय अपने बयानों के कारण समय-समय पर चर्चा में बने रहते हैं। उनका बयान न सिर्फ कांग्रेस को नुकासन पहुंचाया बल्कि गांधी परिवार से भी उनकी दूरी को बढ़ा दिया।