रेवंत रेड्डी से क्यों मिलना चाहते हैं चंद्रबाबू नायडू? पत्र लिखकर आमने-सामने बैठक का रखा प्रस्ताव
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने 1 जुलाई को तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को एक पत्र लिखा जिसमें दोनों तेलुगु राज्यों के हित में कई मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक बैठक का प्रस्ताव रखा है। पत्र में नायडू ने लिखा कि तेलुगु राज्यों के मुख्यमंत्रियों के रूप में उन्हें दोनों राज्यों के व्यापक और सतत विकास के लिए सहयोग करना चाहिए।
पीटीआई, अमरावती। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने अपने तेलंगाना समकक्ष ए रेवंत रेड्डी को पत्र लिखकर विभाजन के अनसुलझे मुद्दों के समाधान के लिए छह जुलाई को आमने-सामने बैठक का प्रस्ताव दिया है। नायडू ने हैदराबाद में रेड्डी के निवास स्थान पर मिलने का प्रस्ताव रखा।
नायडू ने पत्र में कहा, पुनर्गठन अधिनियम से उत्पन्न मुद्दों पर कई चर्चाएं हुई हैं, जिनका हमारे राज्यों के कल्याण और उन्नति पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
I have written to the Hon'ble Chief Minister of Telangana, Sri @revanth_anumula Garu, proposing a meeting to discuss matters of mutual interest between our two Telugu-speaking States. I look forward to working closely with him to resolve post-bifurcation issues, enhance… pic.twitter.com/RKVbBYwpxO
— N Chandrababu Naidu (@ncbn) July 1, 2024
बैठक रखने का रखा प्रस्ताव
सीएम नायडू ने कहा कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना दोनों की निरंतर प्रगति और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए घनिष्ठ सहयोग को बढ़ावा देना तेलुगु भाषी राज्यों के मुख्यमंत्रियों का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि आमने-सामने की बैठक पारस्परिक रूप से लाभकारी समाधान प्राप्त करने की दिशा में व्यापक रूप से जुड़ने का अवसर प्रदान करेगी।प्रमुख मुद्दों को आमने-सामने चर्चा करके ही हल किया जा सकता
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने लिखा, "संयुक्त आंध्र प्रदेश का विभाजन हुए 10 साल हो चुके हैं। पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार, कई मुद्दों को अभी भी हल करने की आवश्यकता है। मैंने टिप्पणी की है कि ये मुद्दे दोनों राज्यों में कल्याण और अन्य मामलों में बाधा डाल रहे हैं। नायडू ने कहा कि मेरा प्रस्ताव है कि हम 6 जुलाई, शनिवार दोपहर को आपके स्थान पर मिलें। टीडीपी सुप्रीमो के अनुसार, दोनों राज्यों के बीच प्रमुख मुद्दों को आमने-सामने चर्चा के माध्यम से ही हल किया जा सकता है।
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