प्रियंका गांधी के लिए वायनाड क्यों है सेफ सीट? पढ़ें क्या कहता है इस लोकसभा क्षेत्र का सियासी इतिहास
केरल के वायनाड में 13 नवंबर को लोकसभा उपचुनाव होना है। कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी यहां से चुनाव लड़ रहीं हैं। साल 2008 में बनी वायनाड सीट शुरुआत से ही कांग्रेस के सुरक्षित रही है। 2009 से कांग्रेस लगातार यहां से जीत रही है। 2019 और 2024 के लोकसभा चुनाव में वोटिंग और वोट शेयर घटने के बावजूद कांग्रेस की जीत हुई।
डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम। वायनाड लोकसभा उपचुनाव की देशभर में चर्चा हो रही है। बुधवार को यहां वोटिंग होनी है। कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी चुनाव मैदान में हैं। भले ही कांग्रेस के लिए यह सुरक्षित सीट मानी जा रही है, लेकिन प्रियंका गांधी के लिय यह पहली चुनाव 'अग्निपरीक्षा' है।
प्रियंका का मुकाबला राज्य के सत्तारूढ़ एलडीएफ सत्यन मोकेरी और भाजपा की नव्या हरिदास से है। दोनों स्थानीय प्रत्याशी हैं। दरअसल, वामपंथी शुरू में मान रहे थे कि राज्य में भाजपा के मजबूत होने से कांग्रेस को नुकसान होगा, लेकिन भाजपा के मजबूती से वामपंथ को नुकसान हुआ है।
सवाल ये भी पूछा जा रहा है कि प्रियंका की चुनावी पारी वायनाड से क्यों हुई?बता दें कि साल 2008 में बनी वायनाड सीट शुरुआत से ही कांग्रेस के सुरक्षित रही है। 2009 से कांग्रेस लगातार यहां से जीत रही है। 2019 और 2024 के लोकसभा चुनाव में वोटिंग और वोट शेयर घटने के बावजूद कांग्रेस की जीत हुई।
साल 2009 में कांग्रेसी नेता एमआई नावास यहां से पहले सांसद बने और 2018 तक सांसद रहे। इसी साल उनका निधन हो गया। इसके बाद 2019 में राहुल यहां से लड़े और 64.8 प्रतिशत वोट लेकर जीत दर्ज की। उन्होंने माकपा उम्मीदवार को 4.32 लाख वोट से हराया। 2024 में राहुल 3.64 लाख वोट से जीते।