कर्नाटक में दिवंगत केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार की पत्नी तेजस्विनी को बनाया गया भाजपा उपाध्यक्ष
कर्नाटक में दिवंगत केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार की पत्नी तेजस्विनी को मिली है बड़ी जिम्मेदारी। तेजस्विनी को भाजपा का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया हैं।
By Nitin AroraEdited By: Updated: Tue, 02 Apr 2019 03:58 PM (IST)
नई दिल्ली, एएनआइ। कर्नाटक से खबर है कि दिवंगत केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार की पत्नी तेजस्विनी को भाजपा का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया हैं। बताया जाता है कि कर्नाटक में भाजपा को खड़ा करने वाले अनंत कुमार ही थे, जहां अब उनकी पत्नी को पार्टी ने एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी हैं।
हांलाकि आपको बता दें कि पहले जिस सीट से तेजस्विनी को लड़ना था उस सीट से किसी दूसरे प्रदाशी का नाम घोषित कर दिया गया था। जहां खबर थी कि पार्टी के इस रवैये से तेजस्विनी भाजपा से किनारा कर सकती है लेकिन तेजस्विनी ने ऐसी सभी बातों को अफवाह बता कहा कि अनंत कुमार ने कर्नाटक में भाजपा को खड़ा किया है, मैं किसी कीमत पर पार्टी नहीं छोड़ूंगी।बता दें कि अनंत कुमार की मृत्यु पिछले साल नवंबर में हुई। भाजपा के लिए दक्षिण में अनंत कुमार एक बड़ा नाम था।1990 के दशक में केंद्र समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में सत्ता हासिल करने वाली भाजपा की चिंता दक्षिण के राज्य थे। दरअसल, यह वह दौर था जब भाजपा दक्षिण में अपने विस्तार के लिए आतुर थी। ऐसे में कर्नाटक में अनंत कुमार ने यहां की कमान संभाली। वह उन प्रमुख नेताओं में थे, जिन्होंने दक्षिण के राज्यों को भाजपा के लिए उर्वर बनाया। पार्टी में उनका योगदान काफी महत्वपूर्ण था।
कर्नाटक से सियासी पारी की शुरुआत
अनंत कुमार पहले छात्र राजनीति में थे। छात्र राजनीति के बाद 1987 में वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। यह वह वक्त था, जब भाजपा सत्ता प्राप्ति के लिए सभी यत्न कर रही थी। ऐसे समय कर्नाटक में अपनी सियासी पारी की शुरुआत की। कर्नाटक में भाजपा के प्रचार-प्रसार में उनका अहम योगदान रहा। अपने आकर्षक व्यक्तित्व व प्रखरता के कारण उन्होंने जल्द ही भाजपा में अपना एक अलग स्थान बना लिया। यही कारण है कि 1998 में जब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी तो वह केंद्रीय मंत्री बने। वाजपेयी सरकार में वह सबसे कम उम्र के मंत्री थे।
अनंत कुमार पहले छात्र राजनीति में थे। छात्र राजनीति के बाद 1987 में वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। यह वह वक्त था, जब भाजपा सत्ता प्राप्ति के लिए सभी यत्न कर रही थी। ऐसे समय कर्नाटक में अपनी सियासी पारी की शुरुआत की। कर्नाटक में भाजपा के प्रचार-प्रसार में उनका अहम योगदान रहा। अपने आकर्षक व्यक्तित्व व प्रखरता के कारण उन्होंने जल्द ही भाजपा में अपना एक अलग स्थान बना लिया। यही कारण है कि 1998 में जब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी तो वह केंद्रीय मंत्री बने। वाजपेयी सरकार में वह सबसे कम उम्र के मंत्री थे।