Maharashtra Politics : चुनाव आयोग का फैसले को ठाकरे गुट ने बताया 'क्रूर', जताई आपत्ति
3 नवंबर को होने वाले अंधेरी ईस्ट के उपचुनाव से पहले ECI ने 8 अक्टूबर को पार्टी के तीर धनुष वाले चिन्ह को फ्रीज कर दिया। पार्टी के मुखपत्र सामना (Samaana) के संपादकीय में चुनाव आयोग के इस फैसले की निंदा की गई है।
मुंबई, प्रेट्र। चुनाव आयोग (Election Commission) द्वारा शिवसेना (Shivsena) के चुनाव चिन्ह को जब्त करने के फैसले पर उद्धव ठाकरे (Udhav Thackeray) ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि यह ऐसी आग है जो कभी बुझ नहीं सकेगी। साथ ही उन्होंने वादा किया कि चिन्ह को जब्त करने का फैसले का चुनाव आयोग को जवाब देना होगा। ठाकरे ने आयोग के इस फैसले को अन्याय बताया है।
3 नवंबर को है अंधेरी ईस्ट उपचुनाव
3 नवंबर को होने वाले अंधेरी ईस्ट के उपचुनाव से पहले ECI ने 8 अक्टूबर को पार्टी के तीर धनुष वाले चिन्ह को फ्रीज कर दिया। पार्टी के मुखपत्र 'सामना (Samaana)' के संपादकीय में चुनाव आयोग के इस फैसले की निंदा की गई है। इसमें कहा गया है, ' यह (EC का फैसला ) दिल्ली की गलती है। बेइमानी के साथ यह कार्रवाई की गई। लेकिन हम अनेक बाधाओं के बावजूद खड़े रहेंगे।'
चुनाव आयोग का क्रूर फैसला - सामना
संपादकीय में EC के फैसले को क्रूर फैसला बताया गया है। इसमें कहा गया है कि शिवसेना को खत्म करने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट द्वारा आयोग के समक्ष आपत्ति जताए जाने के बाद यह फैसला लिया गया है। इस फैसले के साथ चुनाव आयोग महाराष्ट्र में अंधकार फैला रहा है।' इसमें आगे कहा गया है, '56 साल पहले बालासाहेब ठाकरे ने मराठी पहचान और मराठी बोलने वाली जनता को न्याय दिलाने के लिए एक मशाल जलाई थी।
इतिहास में काली स्याही से लिखा जाएगा शिंदे का नाम- ठाकरे
शिवसेना को खत्म करने के लिए 40 विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde)ने विश्वासघात किया। इनका नाम इतहास में काली स्याही से लिखा जाएगा।' इसके अलावा संपादकीय में चुनाव आयोग के साथ-साथ शिंदे को भी आड़े हाथों लिया गया है। इसमें कहा गया है, 'शिंदे के पापों को बाल ठाकरे का अभिशाप लगेगा।' चुनाव आयोग के इस फैसले को अन्याय करार देते हुए कहा है कि आयोग को स्वतंत्र तरीके से काम करना चाहिए। इसे किसी के दबाव में नहीं आना चाहिए।
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