महाराष्ट्र और झारखंड में भी होगा हरियाणा की हार का असर? अशोक गहलोत ने दिया जवाब
हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिले झटके के बाद कांग्रेस अब हार के कारणों की समीक्षा में लगी हुई है। इसे लेकर पार्टी के शीर्ष नेताओं की गुरुवार को बैठक भी हुई। माना जा रहा है कि हरियाणा के परिणामों का असर झारखंड और महाराष्ट्र में भी देखने को मिल सकता है और कांग्रेस को इसका नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। इससे जुड़े सवाल का जवाब दिया अशोक गहलोत ने।
एएनआई, जयपुर। हरियाणा में कांग्रेस को जो झटका मिला है, उससे उबरने में पार्टी को काफी समय लगेगा। फिलहाल पार्टी के अंदर मंथन का दौर जारी है कि आखिर चूक कहां हुई और हार की क्या वजहें रही। इस संबंध में गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की मौजूदगी में शीर्ष नेताओं की हार की समीक्षा के लिए बैठक भी हुई।
कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि हरियाणा में कांग्रेस की हार का दूरगामी परिणाम होगा और पार्टी को झारखंड और महाराष्ट्र के आगामी विधानसभा चुनावों में इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। हालांकि, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता ऐसा नहीं सोचते हैं। उनका मानना है कि हर राज्य की परिस्थितियां अलग-अलग होती हैं और हरियाणा के नतीजों का महाराष्ट्र और झारखंड में ज्यादा असर नहीं होगा।
परिस्थितियां अलग: गहलोत
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में अशोक गहलोत कहते हैं, 'वहां गठबंधन चल रहा है, लेकिन जो लोग कहते हैं कि अब वहां क्या होगा, क्योंकि हम यहां हार चुके हैं तो पार्टी को थोड़ा झटका जरूर लगता है। कार्यकर्ता भी इसे महसूस करते हैं, लेकिन समय के साथ स्थिति नियंत्रण में आ जाती है। हरियाणा में स्थिति अलग थी, महाराष्ट्र में स्थिति अलग है। वहां शासन-प्रशासन कैसा है, वहां मुद्दे क्या हैं, वहां जनता की भावनाएं क्या हैं, ये सब अलग-अलग हैं। इसलिए मुझे लगता है कि इन नतीजों का वहां ज्यादा असर नहीं होगा।'#WATCH | Jaipur, Rajasthan: On any possible impact of Haryana elections results on the upcoming elections in Maharashtra and Jharkhand, senior party leader Ashok Gehlot says, "Alliances are going on there, but those who say that what will happen there, now that we have lost here… pic.twitter.com/9vtSuBNoqi
— ANI (@ANI) October 11, 2024
पार्टी ने बुलाई समीक्षा बैठक
इधर, हरियाणा में हार को पचा नहीं पा रही कांग्रेस अपने स्तर पर इसके कारणों की पड़ताल कर रही है। सूत्रों के अनुसार शीर्ष नेताओं की ओर से बुलाई गई समीक्षा बैठक में पार्टी पराजय के कारणों के किसी अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंची, लेकिन समझा जाता है कि राहुल गांधी ने बैठक के दौरान हरियाणा कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की आपसी गुटबाजी-भितरघात की ओर साफ इशारा किया और कहा कि नेताओं ने केवल अपने हित को प्राथमिकता दी, पार्टी को नहीं।हरियाणा में पार्टी का चुनावी चेहरा रहे भूपेंद्र सिंह हुडडा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदय भान के भी बैठक में शामिल होने की चर्चा थी, लेकिन बाद में तय किया गया कि राज्य के नेताओं के साथ बाद में चर्चा की जाएगी। चुनाव के दौरान खुले तौर पर नाराजगी जाहिर करती रहीं पार्टी महासचिव कुमारी सैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला को भी बैठक में नहीं बुलाया गया था।