क्या चुनाव नहीं लड़ पाएंगी विनेश फोगाट? रेलवे का कौन सा नियम आ सकता है आड़े? जानें पूरा मामला
Vinesh Phogat विनेश फोगाट को कांग्रेस ने हरियाणा के जुलाना से चुनाव में उतारा है। उन्होंने हाल ही में कांग्रेस ज्वॉइन की थी। राजनीति में आने से पहले उन्होंने अपनी रेलवे की नौकरी से इस्तीफा दिया था। हालांकि इस्तीफे के बाद भी रेलवे के कुछ नियम हैं जो सभी को मानने होते हैं। ऐसे में क्या फोगाट के चुनाव लड़ने में मुश्किल आ सकती है? पढ़ें रिपोर्ट।
पीटीआई, नई दिल्ली। रेलवे ने पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के इस्तीफों को स्वीकार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सूत्रों ने रविवार को बताया कि दोनों खिलाड़ियों को जल्द से जल्द पदमुक्त किए जाने की संभावना है। पूनिया और विनेश हाल में कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
फोगाट को हरियाणा में जुलाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया गया है। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई से कहा, 'रेलवे कर्मचारी द्वारा इस्तीफा देने के बाद तीन महीने की नोटिस अवधि के दौरान सेवा देने का प्रविधान इन दोनों खिलाड़ियों को पदमुक्त करने में आड़े नहीं आएगा, क्योंकि उनके मामलों में मानदंडों में ढील देने का फैसला किया गया है।'
रेलवे ने जारी किया था कारण बताओ नोटिस
उत्तर रेलवे ने दोनों खिलाड़ियों के कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात करने के बाद उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। रेलवे ने कहा था कि नियमों के अनुसार कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। नोटिस के बाद दोनों ने रेलवे से इस्तीफा दे दिया था।
चुनाव लड़ने में बाधा न आने की उम्मीद
अटकलें थीं कि फोगाट तीन महीने की नोटिस अवधि के नियम के कारण चुनाव न लड़ पाएं। नियमों के अनुसार रेलवे से पदमुक्त होने या इस्तीफा स्वीकार होने के बाद ही वह चुनाव लड़ सकती हैं। अब चूंकि रेलवे ने उनका इस्तीफा स्वीकार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, इसलिए उनके चुनाव लड़ने में कोई बाधा नहीं आने की उम्मीद है।