Bharat Jodo Yatra: भारत जोड़ो यात्रा का मकसद भाषण देना नहीं बल्कि लोगों को सुनना है- राहुल
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा आगामी 21 दिनों में यह यात्रा 511 किमी की दूरी तय करेगी। यह कर्नाटक के विभिन्न जिलों से गुजरेगी और वहां रहने वाले लोगों का दर्द सुनेगी। राहुल गांधी ने कहा अगले 20-25 दिनों में आप मेरे साथ होंगे और कर्नाटक का दुख सुनेंगे।
By AgencyEdited By: Monika MinalUpdated: Fri, 30 Sep 2022 12:53 PM (IST)
गुंडलुपेट, एजेंसी। कांग्रेस पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा कर्नाटक में है। राहुल गांधी ने इस यात्रा को आम जनता की आवाज सुनने का एकमात्र जरिया बताया है। साथ ही उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कहा कि इसे कोई रोक भी नहीं सकता क्योंकि यह देश की यात्रा है। इस दौरान लोगों की समस्याएं सुनी जाएंगी। बता दें कि 'भारत जोड़ो यात्रा' तमिलनाडु से शुक्रवार को कर्नाटक पहुंच गई।
आम जनता से जुड़ने का एकमात्र विकल्प है 'भारत जोड़ो यात्रा'
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अनुसार, इस यात्रा के जरिए कर्नाटक की जनता जिन समस्याओं का सामना कर रही है, उसे सामने लाया जाएगा। इस यात्रा को आम जनता से जुड़ने का एकमात्र विकल्प बताते हुए राहुल ने कहा, 'लोकतंत्र में अनेकों संस्थान हैं। मीडिया और संसद भी हैं लेकिन ये सब विपक्ष के लिए चुप हैं। मीडिया हमारी नहीं सुनती। इस हालात में हमारे पास मात्र एक ही विकल्प है 'भारत जोड़ो यात्रा', इसे कोई नहीं रोक सकता क्योंकि यह देश का मार्च है। राहुल ने आज कहा, 'यह भारत की यात्रा है और देश की जनता की आवाज सुनने के लिए ही यह निकाली जा रही है जिसे कोई दबा नहीं सकता।'
कर्नाटक में आम जनता की कठिनाइयों को लाएंगे सामने
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा आगामी 21 दिनों में यह यात्रा 511 किमी की दूरी तय करेगी। यह कर्नाटक के विभिन्न जिलों से गुजरेगी और वहां रहने वाले लोगों का दर्द सुनेगी। राहुल गांधी ने कहा, 'अगले 20-25 दिनों में आप मेरे साथ होंगे और कर्नाटक का दुख सुनेंगे। यहां जारी भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और महंगाई की समस्याओं के बारे में आपको बताएंगे।' उनके अनुसार इस यात्रा का मकसद भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नफरत व हिंसा के आदर्शों के खिलाफ खड़ा होना है।'संविधान को बचाने का है मकसद
राहुल ने कहा, 'यह यात्रा संविधान को बचाने के लिए निकाला जा रहा है। संविधान के बगैर तिरंगा अर्थहीन है।' कांग्रेस नेता ने कहा कि यात्रा के जरिए लोगों की समस्याओं को भी आगे लाया जा रहा है। उन्होंने महंगाई, बेरोजगारी, किसानों के शोषण और पब्लिक सेक्टर यूनिट के निजीकरण का जिक्र किया और बताया कि आम जनता इन कठिनाइयों से जूझ रहीं हैं। उन्होंने कहा, 'इस यात्रा का मकसद भाषण देना नहीं बल्कि आपको सुनना है।'
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