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Year Ender 2023: पूरे साल नहीं बन पाई I.N.D.I.A की रणनीति, बैठकों में ही बीत गया 2023, पीएम के चेहरे और सीटों के बंटवारे को लेकर असमंजस बरकरार

Year Ender 2023 जहां एक ओर कई विपक्षी पार्टियां ने सत्तारूढ़ पार्टी को चुनौती देने के लिए एकजुट होकर इंडिया (INDIA- भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन ) गठबंधन की स्थापना की। वहीं साल भर इस गठबंधन ने कई तरह की रणनीतियों पर विचार किया। अगले साल होने वाले आम चुनाव में गठबंधन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को चुनौती देने के लिए हर तरह के प्रयास में जुटा है

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 27 Dec 2023 06:30 AM (IST)
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आम चुनाव में गठबंधन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को चुनौती देने के लिए हर तरह के प्रयास में जुटा है

एजेंसी, नई दिल्ली। साल 2023 को हम जल्द ही अलविदा कहने वाले हैं। इसी क्रम में देश की राजनीति में जमकर फेरबदल हुए। जैसे-जैसे 2024 के लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, उसी तरह भारत के राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव देखे गए हैं। इस साल भी कुछ इन्हीं बदलावों को देखा गया। जहां एक ओर कई विपक्षी पार्टियां ने सत्तारूढ़ पार्टी को चुनौती देने के लिए एकजुट होकर इंडिया (INDIA- भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन ) गठबंधन की स्थापना की। वहीं साल भर इस गठबंधन ने कई तरह की रणनीतियों पर विचार किया। अगले साल होने वाले आम चुनाव में गठबंधन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को चुनौती देने के लिए हर तरह के प्रयास में जुटा है

भारत का राजनीतिक परिदृश्य लोकसभा चुनावों में एक बड़े परिवर्तन का अनुभव कर रहा है। मौजूदा यूपीए को बदलकर इंडिया गठबंधन बनाना और उसमें तमाम विपक्षी पार्टियों को शामिल करना एनडीए के लिए एक चुनौती के रूप में उभर सकता है। बदलते गठबंधनों, वोट प्रतिशत में बदलाव और सीट बंटवारे में उतार-चढ़ाव की विशेषता वाला यह परिवर्तन, भारत के चुनावी परिदृश्य की गतिशीलता को बदलता नजर आ रहा है।

इंडिया गठबंधन की हो चुकी हैं चार बैठकें

अब तक, इंडिया ब्लॉक की चार बैठकें हो चुकी हैं। संयुक्त विपक्ष की पहली बैठक 23 जून को पटना में और दूसरी बैठक 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में हुई। तीसरी बैठक 31 अगस्त 1 सितंबर को मुंबई में हुई और चौथी बैठक 19 दिसंबर, 2023 को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुई।

इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियां 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के खिलाफ एकजुट चुनौती पेश करना चाहती हैं। इसी क्रम में पार्टियाों की बैठकों का दौर जारी है। सबसे अंतिम और चौथी बैठक में 28 पार्टियों ने हिस्सा लिया और इसी बाबत गठबंधन की कमेटी के सामने अपने विचार रखे।

भारतीय गुट के लिए चुनौतियां

इसमें कोई दोराह नहीं कि इंडिया गठबंधन एनडीए के लिए चुनौती भरा हो सकता है। लेकिन इससे पहले यह खुद इंडिया के लिए एक बड़ी चुनौती है कि वह इनसें कैसे डील करेंगे। मसलन गुट को सीट बंटवारे, प्रधानमंत्री के चेहरे इत्यादि जैसे विषयों पर संजीदगी से सोचने की आवश्यकता होगी।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन का नाम तय?

जाने अनजाने ही सही लेकिन इंडिया ब्लॉक में कांग्रेस की केंद्रीय भूमिका में अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम सबसे आगे रखा। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भारतीय ब्लॉक के पीएम चेहरे के रूप में प्रस्तावित किया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री के चेहरे का सवाल लोकसभा चुनाव के बाद तय किया जा सकता है। खरगे ने इसका कारण बताते हुए कहा कि चुनाव में सिर्फ चार महीने का वक्त है। सीटों का बंटवारे का फैसले पर विचार करना इंडिया गठबंधन के लिए जरूरी है। खरगे ने हालिया चुनाव में पार्टियों की मिली असफलताओं का भी जिक्र किया।

क्या इंडिया गठबंधन में पैदा हो रही है खटास 

विधानसभा चुनाव के दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के बयानों ने पार्टियों के बीच दरार पैदा कर दी थी। इसके बाद कांग्रेस आलाकमान ने  मामले में दखल दिया और मामले को सुलझाने के लिए सपा प्रमुख से बात की।

दरअसल, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने जाति जनगणना को लेकर अपने सहयोगी दल कांग्रेस पर हमला बोला और उन्हें याद दिलाया कि जब वह सत्ता में थी तो पार्टी ने जाति जनगणना नहीं कराई थी।

अखिलेश यादव ने चुनावी राज्य मध्य प्रदेश के सतना में एएनआई से कहा था कि कांग्रेस वह पार्टी है जिसने आजादी के बाद जाति जनगणना नहीं कराई... जब लोकसभा में सभी पार्टियां जाति जनगणना की मांग कर रही थीं, तब उन्होंने जाति जनगणना नहीं कराई।

सीट बंटवारे को लेकर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता

यह देखते हुए कि जाति जनगणना जैसी चिंताएं हाल के राज्य चुनावों में मतदाताओं के साथ तालमेल बिठाने में विफल रहीं, इंडिया ब्लॉक के नेता अपनी रणनीति पर पुनर्विचार कर सकते हैं और एक नया दृष्टिकोण तैयार करने पर काम कर सकते हैं। खैर चौथी बैठक संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सांसदों के निलंबन को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में आयोजित की गई थी। अब देखना यह है कि इंडिया का अगला कदम कौन सा होगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जोर देकर कहा कि इंडिया गठबंधन की पार्टियां राज्य स्तर पर सीट-बंटवारे की बातचीत पर ध्यान केंद्रित करेंगी, उन्होंने कहा कि यदि कोई मुद्दा उठता है, तो इसे गठबंधन के नेतृत्व में उठाया जाएगा।

खरगे ने कहा कि भारत की सभी पार्टियों ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि गठबंधन को कैसे आगे बढ़ाया जाए। देशभर में एक साथ कम से कम 8 से 10 बैठकें की जाएंगी। इंडिया गठबंधन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और संसद से सांसदों के निलंबन पर भी प्रस्ताव पारित किया। 

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