Jammu News: हो जाइए तैयार... जन्माष्टमी पर निकाली जाएगी भव्य शोभायात्रा, श्रीकृष्ण की लीलाएं भी दिखाई जाएंगी
जम्मू में हर साल की तरह इस वर्ष भी जम्मू में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर छह सितंबर को भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसको लेकर सभी तैयारियां चल रही हैं। जम्मू और आसपास के बहुत सारे कलाकार अपनी झांकियां बनाकर इस शोभा यात्रा में आएंगे। इस बारे में जानकारी सनातन धर्म सभा जम्मू कश्मीर के प्रधान पुरुषोत्तम दधीचि ने वीरवार को गीता भवन में आयोजित हुई पत्रकार वार्ता में दी।
By Jagran NewsEdited By: Shoyeb AhmedUpdated: Fri, 01 Sep 2023 04:16 PM (IST)
जम्मू, जागरण संवाददाता। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami) के उपलक्ष्य पर छह सितंबर को भव्य शोभायात्रा (Shobhayatra) निकाली जाएगी। इसकी तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। इसकी जानकारी सनातन (Sanatan) धर्म सभा जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) के प्रधान पुरुषोत्तम दधीचि (Purushottam Dadhichi) ने वीरवार को गीता भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता (Press Conference) में दी। उन्होंने बताया कि जम्मू महानगर और आसपास के बहुत सारे कलाकार अपनी अपनी झांकियां बनाकर आएंगे।
इन इलाकों से गुजरेगी शोभायात्रा
जन्माष्टमी के मौके पर लोगों के अंदर एक नया उत्साह होगा। शोभायात्रा गीता भवन से शुरू होगी और श्री रघुनाथ जी मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद रघुनाथ जी का रथ निकलेगा। रघुनाथ बाजार से शोभायात्रा रेजीडेंसी रोड, शहीदी चौक, राजेंद्र बाजार, कनक मंडी, पुराना अस्पताल मार्ग, पुरानी मंडी, लिंक रोड से पक्का डंग्गा, चौक चबूतरा, परेड, राजतिलक रोड, पुरानी मंडी से होती हुई श्री रघुनाथ जी मंदिर में संपन्न होगी। शोभायात्रा के स्वागत के लिए शहर भर की बाजार एसोसिएशनों की ओर से भंडारों और छबीलों आदि की व्यवस्था रहेगी।
झांकियों में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को दर्शाया जाएगा
झांकियों में भाग लेने वाले कलाकारों की तैयारियां भी इन दिनों जोरशोर से चल रही हैं। झांकियों में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को दर्शाया जाएगा। इस बार झांकियों की संख्या बढ़ सकती है। पुरुषोत्तम दधीचि ने कहा कि यदि त्रेता युग में रावण जैसे राक्षस को रक्त स्नान करके धर्म की स्थापना के लिए प्रभु राम ने 14 वर्ष का बनवास काटा था।ठीक उसी प्रकार द्वापर युग में कंस जैसे राक्षस का विनाश करने के लिए भगवान कृष्ण भी अपने घर मथुरा से गोकुल में आकर रहे। इन दोनों घटनाओं से यह बड़ा स्पष्ट होता है की दानवी शक्ति और राक्षस शक्तियों का विनाश होना निश्चित है।