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Sambhar Lake: 18 हजार पक्षियों की मौत के बाद सीएम अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार से मांगी मदद

Sambhar Lake. सीएम अशोक गहलोत ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारी और पक्षी विशेषज्ञ को सांभर भेजने का आग्रह किया है।

By Sachin MishraEdited By: Updated: Thu, 21 Nov 2019 06:22 PM (IST)
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Sambhar Lake: 18 हजार पक्षियों की मौत के बाद सीएम अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार से मांगी मदद
जयपुर, जागरण संवाददाता। Sambhar Lake. राजस्थान की सांभर झील में 18 हजार देशी-विदेशी पक्षियों की मौत के कारणों का पता चलने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार से मदद मांगी है। गहलोत ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारी और पक्षी विशेषज्ञ को सांभर भेजने का आग्रह किया है। गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार के पास बेहतर विशेषज्ञ है।

गहलोत ने बताया कि बरेली के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से आई रिपोर्ट के अनुसार पक्षियों की मौत का कारण "एवियन बोटुलज्म" बीमारी है। पहले बर्ड फ्लू की आशंका जताई जा रही थी। उन्होंने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि सांभर में अब स्थिति नियंत्रण में है। गहलोत ने वन विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि वन एवं वन्यजीव हमारी जैव विविधता है। प्रदेश में कई दुर्लभ प्रजातियों के वन्यजीव एवं पक्षी है। इनका योजनाबद्ध ढंग से संरक्षण होना चाहिए। रणथंभौर और सरिस्का सेंचूरी से टाइगर के बाहर आने और लोगों के शिकार करने की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताते हुए गहलोत ने कहा कि टाइगर रिजर्व क्षेत्रों से पुनर्वास का काम जल्द से जल्द पूरा करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने गोड़ावण संरक्षण को लेकर भी अधिकारियों को कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए।

केंद्र सरकार और राज्यपाल भी गंभीर

राज्यपाल कलराज मिश्र ने पक्षियों की मौत के कारणों को लेकर विशेषज्ञों से चर्चा करने के साथ ही अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी। राज्यपाल ने पक्षियों की मौत पर चिंता जताई है। उधर, केंद्र सरकार बरेली, बेंगलुरू और भोपाल के विशेषज्ञों की टीम सांभर भेजी है। राजस्थान हाईकोर्ट ने इस मामले में प्रसंज्ञान लिया है। हाईकोर्ट ने वकील नितिन जैन को न्याय मित्र नियुक्त किया है। जैन ने सांभर में पक्षियों के रेस्क्यू का जायजा लेने के साथ ही अधिकारियों एवं विशेषज्ञों से बात की है। अब वे हाईकोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे।

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