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'हिंदुओं को मुसलमानों के खिलाफ एकजुट होने के लिए कभी नहीं कहा', एक हैं तो सेफ हैं पर बोले एकनाथ शिंदे

Maharashtra Election 2024 महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक हैं तो सुरक्षित हैं के नारे का बचाव करते हुए कहा कि भाजपा ने कभी भी हिंदुओं को मुसलमानों के खिलाफ एकजुट होने के लिए नहीं कहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की विभिन्न योजनाएं धार्मिक आधार पर भेदभाव नहीं करतीं बल्कि यह सुनिश्चित करती हैं कि लाभ हर समुदाय तक पहुंचे।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Mon, 18 Nov 2024 11:47 PM (IST)
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शिंदे ने एमवीए पर अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति अपनाने का आरोप लगाया। (File Image)
पीटीआई, मुंबई। भाजपा के चुनावी नारे 'एक हैं तो सुरक्षित हैं' का बचाव करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि पार्टी ने कहीं भी हिंदुओं को मुसलमानों के खिलाफ एकजुट होने के लिए नहीं कहा है।

एक साक्षात्कार में उन्होंने विश्वास जताया कि महायुति 20 नवंबर के विधानसभा चुनावों में जोरदार जीत हासिल करेगी। इससे वह नए जोश के साथ विकास के अपने एजेंडे को जारी रख सकेगी।

एमवीए पर लगाए आरोप

उन्होंने विपक्षी महाविकास आघाड़ी (एमवीए) पर अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति अपनाने का आरोप लगाया। कहा कि सरकार की विभिन्न योजनाएं धार्मिक आधार पर भेदभाव नहीं करतीं, बल्कि यह सुनिश्चित करती हैं कि लाभ हर समुदाय तक पहुंचे।

मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर मुसलमानों और आदिवासियों के बीच डर फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह कांग्रेस है जो अंग्रेजों द्वारा अपनाई गई फूट डालो और राज करो की नीति अपना रही है। विपक्षी दलों ने संविधान के खतरे में होने और आरक्षण को खत्म करने की अफवाह उड़ाई। वे राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा कर रहे हैं।

'मराठा समुदाय को मिलना चाहिए न्याय'

मराठा आरक्षण के मुद्दे पर शिंदे ने कहा कि महायुति सरकार की नीति बहुत स्पष्ट है। मराठा समुदाय को न्याय मिलना चाहिए, लेकिन ऐसा करते हुए ओबीसी और अन्य समुदायों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। विपक्ष ने मराठा समुदाय को विभिन्न सरकारी लाभों से वंचित कर दिया है।

उन्होंने कहा कि मराठा समुदाय इस पर शांति से विचार करेगा कि कौन उन्हें लाभ दे रहा है और कौन उन्हें राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रहा है। शिंदे ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ अपने विद्रोह का बचाव किया और आरोप लगाया कि तत्कालीन शिवसेना नेतृत्व का विकास विरोधी रुख था। वह अपने हिंदुत्व सिद्धांतों से हट गया था।

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