Politics: चार दिन बाद कांग्रेस ने सौंपे विधायकों के समर्थन पत्र, गठबंधन टूटने की अटकलें हो गईं थी तेज; फिर हुआ ये
कई दिन बीत जाने के बाद जब कांग्रेस विधायकों ने नेकां को अपना समर्थन पत्र नहीं दिया तो राजनीतिक हलकों में गठबंधन टूटने की अटकलें तेज हो गई थीं। वहीं जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के परिणाम में मात्र छह सीट पर सिमटने के बाद कांग्रेस को समर्थन पत्र सौंपने में चार दिन लग गए।इस स्थिति में उमर अब्दुल्ला सहित नेशनल कान्फ्रेंस के कई बड़े नेता भी असमंजस में थे।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के परिणाम में मात्र छह सीट पर सिमटने के बाद कांग्रेस को समर्थन पत्र सौंपने में चार दिन लग गए। कारण, कांग्रेस आला कमान से लेकर प्रदेश नेतृत्व पार्टी की चुनाव में हुई हालत पर सदमे में था। इसी बीच, स्थानीय राजनीतिक हलकों में गठबंधन टूटने की अटकलों ने जोर पकड़ लिया था। इस स्थिति में उमर अब्दुल्ला सहित नेशनल कान्फ्रेंस के कई बड़े नेता भी असमंजस में थे। उनके लिए बहुमत के लिए 46 का आंकड़ा छूना मुश्किल हो रहा था।
शुक्रवार को कांग्रेस और अन्यों से मिले समर्थनपत्र के कुछ देर बाद ही उमर उपराज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा करने पहुंच गए। हालांकि, उमर अब्दुल्ला ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस से कोई मतभेद या गतिरोध वाली बात नहीं थी और न है।
आम आदमी पार्टी ने समर्थन पत्र सौंपा
इसी बीच उमर ने कहा कि शुक्रवार उन्हें पांच निर्दलीयों समेत आम आदमी पार्टी ने समर्थन पत्र सौंपा है। निर्दलीयों में से अधिकांश हमारे पुराने साथी हैं। उनमें कुछ कांग्रेस से जुड़े रहे हैं। नेकां-कांग्रेस का गठबंधन होने के कारण उन्हें टिकट नहीं मिला था, जिससे वे नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़े। अब वह हमारे साथ पुन: जुड़ गए हैं।एक-दो निर्दलीय पहले हमारे साथ नहीं थे और उन्होंने नेकां में शामिल होने की इच्छा जताई है। ये सभी लोग जीतकर आए हैं। अब मेरा साथ दे रहे हैं इसलिए मेरा फर्ज बनता है कि मैं हाथ पकड़कर इनकी मदद करूं और मैं यह जरूर करूंगा। उधर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तारिक हमीद करा से जब पत्रकारों ने पूछा कि नेकां ने विधायक दल का नेता चुन लिया है तो आप देरी क्यों कर रहे हैं तो इस पर उन्होंने कहा कि हर पार्टी का अपना तरीका होता है। मैं दिल्ली से आ रहा हूं। हमने यह फैसला हाईकमान पर छोड़ दिया है।
आइएनडीआइए गठबंधन एक बड़े मकसद के लिए
उन्होंने साफ किया कि नेकां के सामने कोई शर्त नहं रखी है। हमने बैठक में सर्वसम्मति से कांग्रेस विधायक दल के नेता चुनने के लिए हाईकमान को अधिकृत कर दिया है। हमने दो प्रस्ताव पारित किए हैं। इसमें एक कांग्रेस के विधायक दल का नेता और दूसरा समर्थन पत्र सौंपना था। दूसरा प्रस्ताव नेशनल कान्फ्रेंस को समर्थन देने का पारित किया है, जो कि उन्हें दे दिया गया है। जबकि एक दिल्ली को भेजा जा रहा है। करा ने कहा कि आइएनडीआइए गठबंधन एक बड़े मकसद के लिए है।निर्दलीयों के बाद कांग्रेस की जरूरत ही नहीं रह गई
जब उनसे पूछा कि नेकां को निर्दलीय उम्मीदवारों ने समर्थन दे दिया है तो ऐसा नहीं लगता कि कांग्रेस की उनको जरूरत नहीं रह गई तो इसके जवाब में करा ने कहा कि नंबर गेम से ज्यादा अहम आइएनडीआइए का राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन है। यह सिर्फ जम्मू-कश्मीर के लिए नहीं है। हमारी लड़ाई भाजपा से है, अगर देश को बचाना है तो पार्टी की एकजुटता जरूरी है। एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि नेकां ने नेता चुना है, यह उनका अख्तियार है, हमें कोई आपत्ति नहीं है। नेकां के साथ अभी तक औपचारिक बातचीत नहीं हुई है।
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