MP: ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में ज्योतिरादित्य से सीधा मुकाबला करेंगे जयवर्द्धन, कांग्रेस ने तैयार की रणनीति
ग्वालियर-चंबल क्षेत्र बचाने की तैयारी में जुटी भाजपा के सामने कांग्रेस कड़े मुकाबले के लिए कमर कस रही है। वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में यहां केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्द्धन सिंह को कांग्रेस मजबूत चेहरा बनाएगी।
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Sat, 15 Oct 2022 11:26 PM (IST)
धनंजय प्रताप सिंह, भोपाल। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र बचाने की तैयारी में जुटी भाजपा के सामने कांग्रेस कड़े मुकाबले के लिए कमर कस रही है। वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में यहां केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्द्धन सिंह को कांग्रेस मजबूत चेहरा बनाएगी। उधर, कांग्रेस विधायक जयवर्द्धन ने भी भोपाल में बुधवार को एक सम्मेलन में ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लिए बिना तल्ख टिप्पणी के साथ मुकाबले की घोषणा कर दी।
जयवर्द्धन ने कहा कि हमारी पनौती (अपशगुन) अब भाजपा में है, इसीलिए 57 साल बाद हम इस बार ग्वालियर में महापौर का चुनाव जीते हैं। कांग्रेस की जो तैयारी है, उसके मुताबिक जयवर्द्धन सिंह का साथ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह और प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अशोक सिंह देंगे। गोविंद सिंह चंबल संभाग से आते हैं और उनका वहां अच्छा वर्चस्व है, जबकि अशोक सिंह भी ग्वालियर संभाग में अच्छी पकड़ रखते हैं। वे कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र सिंह के पुत्र हैं।
बता दें कि जब सिंधिया कांग्रेस में थे तो माना जाता था कि पूरे ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में दो कांग्रेस- एक राजा की और दूसरी महाराजा की थी। यानी एक का नेतृत्व दिग्विजय सिंह के हाथों में और दूसरे की कमान ज्योतिरादित्य सिंधिया के हाथों में थी। सिंधिया भाजपा में पहुंचे तो अपने समर्थकों को भी ले गए। ऐसे में क्षेत्र में राजा यानी दिग्विजय सिंह की कांग्रेस ही बची। मुश्किल यह है कि उनके पास कोई चेहरा नहीं है। इसलिए उनके पुत्र जयवर्द्धन सिंह को पार्टी आगे बढ़ा रही है।
उधर, माना जा रहा है कि वर्ष 2024 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर से लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। ऐसे में कांग्रेस अभी से माहौल बना रही है और अशोक सिंह को उनके मुकाबले मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। साथ ही भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए सतीश सिकरवार की आगामी विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उनकी बदौलत ही ग्वालियर में कांग्रेस महापौर का चुनाव जीत सकी है। उनकी पत्नी महापौर बनी हैं। वह खुद कांग्रेस से विधायक हैं। विजय की इस यात्रा को कांग्रेस विधानसभा चुनाव में पूरे संभाग में दोहराना चाहती है, जिसमें सिकरवार का जमीनी नेटवर्क भी अहम रहेगा।
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